अवैध शराब पर लगाम: मौत के बदले मिलेगी मौत

up govtलखनऊ। अवैध शराब से आये दिन होने वाली मौतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार अब कड़ाई करने जा रही है। जानकारी के अनुसार ऐसा कानून बनाने की तैयारी है कि शराब पीने से जान गयी तो दोषियों को मौत या उम्रकैद तक की सजा मिल सके और भारी जुर्माना अलग से देना पड़े।
प्रमुख सचिव, आबकारी आराधना शुक्ला के मुताबिक इस आशय का एक प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में ले जाने की तैयारी है। असल में 105 वर्ष पहले अंग्रेजों के बनाये उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1910 के तहत ही शराब की तस्करी करने से लेकर अवैध रूप से कच्ची देशी शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। चूंकि मौजूदा अधिनियम (एक्ट) में न कड़े दंड और न ही भारी-भरकम दंड शुल्क वसूलने की व्यवस्था है, इसलिए बेखौफ होकर शराब की तस्करी होती है और धड़ल्ले से अवैध शराब बनायी जाती है। इसलिए राज्य सरकार अब आबकारी अधिनियम में ही संशोधन करने जा रही है। मुख्य सचिव के निर्देश पर एक्ट की जिन धाराओं में अभी दंड व दंड शुल्क का प्रावधान है, ऐसी 22 धाराओं पर आबकारी आयुक्त द्वारा गठित समिति ने संशोधन प्रस्तावित किया है। प्रस्ताव के अनुसार एक्ट की धारा तीन, 50 से 55, 60 से 69ए सहित 71 तक, 74 एवं 74ए में संशोधन के साथ ही नई धाराएं जोडऩे के लिए कवायद शुरू है। मौजूदा एक्ट के तहत अभी दोषियों को जहां छह माह तक ही कारावास (जेल) हो सकता है वहीं जुर्माना भी अधिकतम पांच हजार रुपये तक है। इसी तरह गिरफ्तारी, निरुद्ध, जब्ती, सर्च वारंट और जमानती व गैर जमानती धाराओं आदि में संशोधन प्रस्तावित कर विभागीय अफसरों के अधिकारों में भी इजाफा करने की तैयारी है। ध्यान रहे, वाणिज्यकर के बाद सर्वाधिक राजस्व शराब से ही आता है। इस साल लक्ष्य 17,500 करोड़ रुपये आबकारी राजस्व का है।