सुप्रीम कोर्ट का फरमान: गर लडऩा है चुनाव तो शौचालय हो जरूर

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नई दिल्ली (आरएनएस)। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में हरियाणा पंचायती राज संशोधन कानून को वैध ठहराया। न्यायमूर्ति जस्टिस चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की खंडपीठ ने राजबाला एवं अन्य की याचिका अस्वीकार करते हुए हरियाणा पंचायती राज संशोधन कानून 2015 को वैध करार दिया। संशोधित कानून के तहत सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव लडऩे के लिए कम से कम दसवीं पास होने, दलित और महिलाओं के लिए आठवीं पास होने की योग्यता शर्तें रखी गई हैं, जबकि दलित महिलाओं के लिए यह योग्यता पांचवीं पास है। इसके अलावा बिजली बिल का बकाया न भुगतान करने वाले, किसी मुकदमे में दोषी करार होने और घर में शौचालय न होने पर चुनाव लडऩे की अनुमति नहीं होगी।