बिहार की तर्ज पर हो दलितों का राष्ट्रीय स्तर पर वर्गीकरण

lakhimpur 16 dec

लखीमपुर-खीरी। पटना से आए बबन रावत सदस्य अनुसूचित जाति आयोग एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष महादलित संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ ने कहा कि बिहार की तर्ज पर दलितों का वर्गीकरण राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। दलित समाज की जो जातियां शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक विकास नहीं हुआ है। उन जातियों को मुख्य धारा से जोडऩे के लिए महादलितों का अखिल भारतीय परिसंघ मानता है।
बिहार की तर्ज पर भारत सरकार सहित तमाम राज्य सरकारें दलितों में समाजिक अधिकारों से वंचित जातियों के लिए महादलित आयोग का गठन करें उक्त बातें राज्य अनुसूचित आयोग बिहार के सदस्य बबन रावत ने उत्तर प्रदेश के पिछले पांच दिने से कर रहे भ्रमण के दौरान लखीमपुर पहुचने पर कहीं। श्री रावत वाराणसी, गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, शाहजहांपुर के बाद लखीमपुर और सीतापुर के बाद लखनऊ में आरक्षण और सामाजिक अधिकारों से वंचित समाज के लोगों से जनसम्पर्क लगातार करके गोलबन्द करने का काम कर रहे है। प्रेस वार्ता में चन्दन लाल वाल्मीकि राष्ट्रीय महासचिव महादलित संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ ने कहा कि महादलित को उनके अधिकारों को दिलाने के लिए सडक से संसद तक संघर्ष करेगा श्री वाल्मीकि ने कहा कि वाल्मीकि, धानुक, हेला, डोम, डोमार, मखियार आदि जातियों में रोटी के बेटी के संबंध भी स्थापित करने पर भी बल दिया। वाल्मीकि ने कहा कि जो राजनैतिक दल वाल्मीकि या महादलित समाज की उपेक्षा करेगा उन दलों की भी उपेक्षा महादलितों को करना चाहिए। जो दल महादलितों के हितों की बात करेगा हमें उस दल की ही मदद करनी होंगी। वाल्मीकि ने कहा कि हमें राजनैतिक सोच को बढ़ाना होगा।