कोहरे में भी होगी एयरपोर्ट पर सेफ लैडिंग

fog landing

लखनऊ। अमौसी एयरपोर्ट पर कोहरे के दौरान विमानों की सेफ लैंडिंग के लिए अगले हफ्ते तक इंस्टुमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) कैट-3 बी की सुविधा मिलने लगेगी। इससे 350 मीटर की विजिबिलिटी में भी विमान लैंड कर सकेंगे, हालांकि घने कोहरे में यह सुविधा भी विमानों को रन-वे पर उतारने में कारगर नहीं है। 350 मीटर से कम विजिबिलिटी में विमानों की लैंडिंग के लिए अगले महीने तक सरफेस मूवमेंट राडार (एसएमआर) लग जाने की उम्मीद है। इससे कोहरे व खराब मौसम में विमानों के लैंडिंग व टेकऑफ की समस्या खत्म होने की उम्मीद है।  वहीं नई दिल्ली में कोहरे से निबटने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट संचालक डायल सहित अन्य एजेंसियों ने कमर कस ली है। इसके लिए एयरपोर्ट के एक और रनवे पर विशेष उपकरण लगा दिए गए हैं। इस रनवे से पहली बार 400 मीटर की दृश्यता पर भी विमान उड़ान भर सकेंगे। विमानों के संचालन में देरी होने की स्थिति में सही जानकारी पाने के लिए टर्मिनल पर हेल्प डेस्क के साथ अतिरिक्त स्क्रीन की भी व्यवस्था की गई है। ज्यादा संख्या में उड़ानों के ठहराव के लिए अतिरिक्त पार्किग स्थल बनाई गई हैं। टैक्सी-वे अतिरिक्त लाइटें लगाई गई हैं, ताकि कोहरे होने की स्थिति में भी विमानों को खड़ा करने में सुविधा हो।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आइ. प्रभाकर राव ने कहा कि रनवे संख्या 09/27 पर तीन रनवे विजिबिलिटी रेंज (आरवीआर) तकनीक स्थापित की गई है। इस वजह से इस रनवे से पहली बार कोहरे के दौरान भी विमानों का संचालन किया जाएगा। इस रनवे से 400 मीटर दृश्यता पर भी विमान उड़ान भर सकेंगे। ज्ञात हो कि एयरपोर्ट पर तीन रनवे हैं 10/28 और 11/28 पर पहले से ही आरवीआर उपकरण लगे हुए हैं। इस कवायद के बाद एयरपोर्ट से ज्यादा से ज्यादा विमानों का परिचालन संभव हो पाएगा। पहली बार प्री डिपार्चर सिक्वेसिंग टूल (डीए-सीडीएम) भी शुरू किया गया है। इसके माध्यम से कोहरा खत्म होने के बाद उड़ान भरने वाली फ्लाइटों का समय स्वत: ही तय हो जाएगा। मालूम हो कि यह टूल कोलाबोरेटिव डिसिजन मैकिंग (सीडीएम) के तहत कार्य करेगा। इसकी शुरुआत दो वर्ष पहले की गई थी