कार निर्माताओं के लिए मिला-जुला रहा 2015

Car-Sales-Indiaबिजनेस डेस्क। देश की कार निर्माता कंपनियां जहां वर्ष 2015 में कानूनी और नियामकीय प्रक्रियाओं के निशाने पर रहीं, वहीं समग्र तौर पर वाहन उद्योग के लिए यह वर्ष मिला-जुला रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2016 तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल कारों के पंजीकरण पर रोक लगा दी है, वहीं दिल्ली सरकार के अलग-अलग दिन सम और विषम संख्या वाले वाहनों के परिचालन के फॉर्मूले ने कार निर्माता कंपनियों को चकित कर दिया है। जर्मन कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन द्वारा उत्सर्जन जांच को धोखा देने वाले सॉफ्टवेयर उपयोग से संबंधित धांधली पूरी दुनिया के वाहन उद्योग के लिए इस वर्ष का सबसे बड़ा धक्का रहा, जिसका असर भारत पर भी पड़ा है। इस बीच केंद्र सरकार ने भी 2017 से लागू होने वाले नए दुर्घटना जांच मानक पर विचार शुरू कर दिया है। फ्रोस्ट एंड सुलिवन के वाहन और परिवहन उद्योग के विश्लेषक कॉलिन नोरोन्हा ने आईएएनएस से कहा कि 2014 की शुरूआत में उठे भारत निर्मित कारों की सुरक्षा संबंधी मुद्दे की तपिश 2015 में भी आती रही। सालभर पहले देशभर में हुई कुछ बडी दुर्घटनाओं कीचर्चा 2015 में भी होती रही है। नारोन्हा के मुताबिक सरकार द्वारा 2017 से सख्त दुर्घटना जांच मानक लागू करने पर विचार करना वाहन उद्योग के लिए एक बड़ी छलांग है। उन्होंने कहा कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) द्वारा उठाए गए कदमों के कारण फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया को 2008 और नवंबर 2015 के बीच निर्मित और बेची गई करीब 323700 कारें ठीक करने के लिए वापस लेनी पडीं। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया के वरिष्ठ बिक्री एवं विपणन उपाध्यक्ष यादविंदर सिंह गुलेरिया ने कहा कि दोपहिया वाहनों के क्षेत्र में यह मिला-जुला वर्ष रहा है, जिसमें नवंबर 2015 के अंत तक सिर्फ दो फीसदी बिक्री बढी है। ऑटोमेटिक स्कूटरों की बिक्री इस बीच 12 फीसदी बढी है। उन्होंने बताया कि मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट जारी रही और इस वर्ष इसकी बिक्री दो फीसदी घटी है। गुलेरिया ने कहा कि मानसून और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण इस उद्योग का 3-5 फीसदी विस्तार हो सकता है। वाणिज्यिक वाहनों के क्षेत्र में फिच के कॉरपोरेट रेटिंग निदेशक मुरलीधरन आर. ने कहा कि मध्य और भारी वाणिज्यिक वाहनों (एमएचसीवी) की बिक्री जनवरी-अक्टूबर 2015 में साल-दर-साल आधार पर 31.9 फीसदी बढी, जिसमें गत दो साल में गिरावट रही थी। हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) की बिक्री हालांकि 6.1 फीसदी घट गई। उन्होंने कहा कि फिच का अनुमान है कि एमएचसीवी की बिक्री 2016 में भी करीब 10 फीसदी बढेगी। एलसीवी की बिक्री हालांकि 2016 की पहली छमाही में कम रहेगी, जिसमें दूसरी छमाही में सुधार का अनुमान है।