अफसरों से कमरे खाली कराए जाने से मचा घमासान

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भोपाल (आरएनएस)। शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों की बैठक व्यवस्था बनाने के लिए आईएएस अफसरों से कमरे खाली कराए जाने पर मंत्रालय में घमासान मच गया है। विदेश दौरे पर गई अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव अलका उपाध्याय के स्टाफ को तो कक्ष में रखा सामान निकालने के लिए ताला तोडऩे की धमकी देना पड़ा तब कहीं जाकर ताला खोलकर सामान निकाला गया। वहीं इस वाकए से नाराज कुछ अफसरों ने मुख्य सचिव अंटोनी डिसा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस से शिकायत की है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव अलका उपाध्याय विदेश दौरे पर गई हुई है। उन्हें मंत्रालय में आवंटित कक्ष क्रमांक 145 की जगह कक्ष क्रमांक 305 आवंटित किया गया है। चूंकि अलका उपाध्याय बाहर है इसलिए यह कक्ष खाली नहीं हुआ। पोर्टफोलियो घोषित होंने के बाद जीएडी ने इस कक्ष पर ताला डाल कर इसे अपने कब्जे में कर लिया। अलका उपाध्याय के स्टाफ को कमरे का सामान निकालने के लिए ताला तोडऩे की धमकी देना पड़ा, इसके बाद जीएडी ने ताला खोलकर सामान निकालने की अनुमति दे दी। सामाजिक न्याय विभाग के सचिव, खाद्य आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे आईएएस मनोहर अगनानी को आवंटित कक्ष क्रमांक 144 उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आशीष उपाध्याय को दे दिया गया है। अगनानी को कक्ष क्रमांक 334 आवंटित किया गया है। कक्ष बदलने से नाराज अगनानी ने मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से मिलकर अपनी नाराजगी का इजहार किया। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव मनीष रस्तोगी ने भी कक्ष क्रमांक 129 की जगह कक्ष क्रमांक 128 देने पर आपत्ति जताई। संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव बीके बाथम का कक्ष 306 तो उनसे वापस लेकर उन्हें मंत्रालय से ही बाहर कर दिया गया। इसी तरह पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव अश्विनी राय को कक्ष क्रमांक 435 की जगह 129 और तकनीकी शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव को कक्ष क्रमांक 113 के स्थान पर कक्ष 306 आवंटित किया गया है। मंत्रालय में मंत्रियों और अधिकारियों के कक्षों में विभागाध्यक्ष और अधीनस्थ कार्यालयों से फर्नीचर सामग्री, टेबल, कुर्सी और पर्दे लगा दिए जाते है। स्थानांतरण के बाद या मंत्रालय में पोस्टिंग नही रहने पर यह सामग्री वापस कर दी जाती है अथवा संबंधित कार्यालय द्वारा वापस बुला ली जाती है। इसके कारण कक्ष में रखा फर्नीचर हटाने से वहां सुविधायुक्त फर्नीचर की व्यवस्था कराने में अधीक्षण शाखा द्वारा तत्काल व्यवस्था करना संभवन नहीं हो पाता है और कक्ष की फर्नीचर व्यवस्था बिगड़ जाती थी। इसके चलते सामान्य प्रशासन विभाग अधीक्षण खाशा ने दो साल पहले एक आदेश निकाला इसमें यह प्रावधान किया गया कि मंत्रालय के कक्षों में जिस भी विभागाध्यक्ष कार्यालय द्वारा फर्नीचर या अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है तो भविष्य में उसे मंत्रालय से वापस नहीं किया जाएगा। इसके अलावा अधीक्षण शाखा द्वारा भी जी फार्म के जरिए इसकी अनुमति दी जाएगी। इस निर्देश के तहत ही जीएडी मंत्रियों के लिए तय किए कमरों से सामान बाहर निकालने से रोकते है।