सीबीएसई का फरमान, मुस्लिम छात्राओं की मुसीबत

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लखनऊ। ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) आगामी 25 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। लेकिन इस परीक्षा के लिए सीबीएसई ने एक निर्देश जारी किया है जो मुस्लिम छात्राओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सीबीएसई ने सभी अभ्यर्थियों पर स्कॉर्फ, जूते और फुल स्लीव के कपड़े पहन कर आने पर रोक लगा दिया है। ऐसे में जो मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनती हैं उन्हें अब बेपर्दा होकर एग्जाम देना होगा। इससे पहले यह एग्जाम विगत माह हुआ था लेकिन पर्चा लीक होने के कारण यह परीक्षा दोबारा कराई जा रही है।
इस मामले पर शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे जवाद ने कड़ी आपत्ति जताई है। मौलाना ने कहा कि ये सरासर गलत है। किसी भी पर्दानशीन को सिर्फ इस शर्त पर इम्तिहान की अनुमति देना कि वो बेपर्दा हो जाए ये जुल्म है। ऐसे में जो एग्जाम में बैठेंगी वो जिल्लत सहेंगी और जो इस जिल्लत को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी उन्हें मजबूरन परीक्षा छोडऩी पड़ेगी। दोनो ही सूरत में हमारी बहन बेटियों का नुकसान है। मैं जल्द ही सीबीएसई को एक लेटर लिखकर इस नियम में फेरबदल करने की अपील करुंगा।
सुन्नी धर्म गुरू मौलाना इरफान मियां फरंगी महली का कहना है कि ये सरकरी एजेंसियां भारत में पश्चिमी सभ्यता को हावी करने पर उतारू हैं। इससे पहले उनके अधिकारियों की लापरवाही के कारण पर्चा लीक हो चुका है। ऐसे में वह अपनी नाकामी की खीज इन बच्चियों पर निकाल रहे हैं। बच्चियों को सरे आम बेइज्जत करना कहीं का भी कानून नहीं है। अगर सीबीएसई का नकल ही रोकनी है तो वह अपने जांच के पैमाने पर विचार करे और उसे सुदृण करें। किसी के कपड़े उतरवाने को सुरक्षा का जामा पहना शर्मनाक है। ऐसी स्थिति में जो मुसलमानों की बच्चियां पढ़ाई में आगे आती थी अब वो भी पीछे हो जाएंगी।