जेल में ही सजा सुनेंगे बाबा: वीडियों कॉन्फ्रसिंग से होगा एलान

 

चंडीगढ़। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने जानकारी देते हुए कहा कि साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख को 28 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई जाएगी। डेरा प्रमुख के दोषी करार देने के बाद हुई हिंसा और आगजनी घटनाओं के बाद हुई 30 से ज्यादा लोगों की मौत और 250 लोगों के घायल होने के बाद इस प्रकार का फैसला लिया गया है। राम रहीम सीबीआई कोर्ट नहीं जाएंगे, उनको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि न्यायाधीश जगदीप सिंह ने डेरा प्रमुख राम रहीम को रेप का दोषी करार किया है। यह मामला अनाम लिखित शिकायत के आधार पर 2002 में दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि गुरमीत राम रहीम ने महिला अनुयायियों का यौन शोषण किया था।
दोषी करार होने के बाद डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को जेल में नई पहचान मिली है। जेल में राम रहीम का नया नामकरण हुआ है, जिसके तहत उन्हें कैदी नंबर 1997 नाम दिया गया है। ये जानकारी हरियाणा के डीजी के.पी.सिंह ने दी। उन्होंने मीडिया द्वारा गुरमीत राम रहीम को विशेष सुविधा दिए जाने की खबरों का भी खंडन किया है। उन्होंने कहा कि गुरमीत राम रहीम को साधारण कैदी की तरह रखा गया है। राम रहीम को कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है। उनके साथ किसी सहायक को नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि एतियातन के तौर पर उन्हें 2-3 कैदियों के साथ रखा गया है। जेल के नियमों के मुताबिक, उन्हें सिर्फ कपड़े ले जाने की अनुमति दी गई है। पंचकूला की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने शुक्रवार को उन्हें साध्वी बलात्कार मामले में दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन्हें हेलिकॉप्टर से रोहतक लाया गया। राम रहीम को 28 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को उनके समर्थकों ने जो भीषण उत्पात मचाया था, उसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि राम रहीम को सजा के बारे में जानकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए या जेल में ही विशेष अदालत लगाकर सुनाई जा सकती है।
राम रहीम को 3 धाराओं के तहत ठहराया दोषी
सीबीआई अदालत ने राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की तीन धाराओं 376 (बलात्कार), 506 (डराने-धमकाने) एवं 509 (महिला की इज्जत से खिलवाड़)- के तहत दोषी ठहराया है। राम रहीम को कम से कम 7 साल सश्रम कारावास की सजा होनी तय है। निर्भया कांड के बाद पारित आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 के तहत बलात्कार के अपराधियों को कम से कम 7 साल के सश्रम कारावास और अधिक से अधिक आजीवन कारावास तथा जुर्माने के प्रावधान हैं।