डोकलाम विवाद: काम आयी मोदी की रणनीति

 

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद सुलझ गया है। दोनों देशों के बीच परदे के पीछे चल रही कूटनीतिक वार्ताओं के बाद सेनाएं हटाने पर सहमति बन गई। टकराव वाली जगह से सेनाओं का हटना शुरु भी हो गया है। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि हाल के हफ्तों में भारत और चीन के बीच डोकलाम की घटना के मद्देनजर कूटनीतिक स्तर पर वार्ताएं चल रही थीं। इस बातचीत में हमने अपने हित और चिंताओं पर बात की। इसके आधार पर यह सहमति बनी है कि डोकलाम से सेनाएं हटाई जाएंगी और यह प्रक्रिया शुरु हो गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ब्रिक्स सम्मेलन के लिए प्रस्तावित तीन सितंबर से चीन दौरे के पहले इसे भारत की कूटनीतिक विजय के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल की चीनी समकक्ष से लगातार इस मसले पर बातचीत हो रही थी। चीन के रूख देखकर पहले लग रहा था कि ब्रिक्स सम्मेलन के पहले कोई बात नहीं बनेगी लेकिन इससे ब्रिक्स का माहौल बिगडऩे का अंदेशा था। भारत और चीन दोनों ब्रिक्स के अहम साझेदार हैं। अगर दोनों देशों में गतिरोध नहीं टूटता तो प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिक्स यात्रा पर भी संशय हो सकता था।