गोला बारूद की कमी पर 13 अफसरों पर गाज

 

नई दिल्ली। देश की सुरक्षा जरूरत के मुताबिक पर्याप्त गोलाबारूद न बनाने के लिए आलोचना का शिकार रहीं ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के 13 बड़े अधिकारियों को सरकार ने बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला किया है। रक्षा मंत्रालय में पहली बार इस तरह की कार्रवाई होने जा रही है। प्रशासनिक लिहाज से ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां रक्षा मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रॉडक्शन के तहत आती हैं।
इन फैक्ट्रियों को प्रबंधन देखने के लिए इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सर्विस का गठन किया गया है। इसमें ग्रुप ए सेंट्रल सर्विस के अधिकारी होते हैं। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल 39 फैक्ट्रियों के करीब एक लाख कर्मचारियों की अगुआई 1718 अफसर कर रहे हैं। 50 वर्ष की उम्र के बाद इन अफसरों की क्षमता का नए सिरे से मूल्यांकन करने का प्रावधान है। सशस्त्र बलों को उनकी जरूरत का गोलाबारूद और अन्य सामान मिल सके, इसके लिए फैक्ट्रियों को तैयार रखने की पूरी जिम्मेदारी इन अधिकारियों पर होती है। सरकार का कहना है कि सशस्त्र बलों को तय समय के अंदर गुणवत्ता वाले प्रॉडक्ट मिलें, इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों को दी गई है और इनकी क्षमता सुधारने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
नियमों के मुताबिक, इन अधिकारियों के सर्विस रेकॉर्ड के आधार पर परफॉर्मेंस की कड़ी स्क्रीनिंग भी हो रही है। सरकार ने 13 अधिकारियों के परफॉर्मेंस का आकलन करने के बाद इन्हें रिटायर करने का फैसला किया है। सरकार का कहना है कि इन अधिकारियों की असंतोषजनक परफॉर्मेंस के कारण इन्हें रिटायर करना जनहित में है।