आरएसएस मंथन: कश्मीर का मसला रहा छाया

 

मथुरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक में देश की आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा हुई, जिसमें कश्मीर का मुद्दा छाया रहा। संघ के चिंतन में पाकिस्तान और चीन की ओर से मिलने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई। देश की आंतरिक सुरक्षा, कश्मीर में देशभक्त नागरिकों की सुरक्षा, नोटबंदी के कारण कश्मीर में पत्थरबाजी में कमी और कतिपय अलगाववादी कश्मीरियों को देश की मुख्यधारा से जोडऩे के प्रयासों को लेकर विचार विमर्श हुआ।
वृंदावन स्थित केशवधाम में शुक्रवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक आरएसएस के सरसंघचालक मोहनभागवत की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई। सर्वप्रथम सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने विधिवत प्रथम सत्र का आरंभ कराया। उन्होंने सभी संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को समन्वय बैठक के उद्देश्य और इसकी विषयवस्तु की जानकारी दी। प्रथम सत्र में सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी ने प्रस्तावना रखी। साथ में पूरी बैठक का एजेंडा रखा गया।
दूसरे सत्र का प्रस्ताव प्रचारक अरुण जी ने रखा। इसमें देश की आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर विचार विमर्श हुआ। सभी 35 संगठनों के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने देश की मुख्यत: आर्थिक मजबूती, कानून-व्यवस्था और सुरक्षा पर मंथन किया। कश्मीर के वर्तमान हालात पर चर्चा, कश्मीर की जनता को देश की मुख्य धारा से जोडऩे पर चर्चा हुई।
कश्मीर में देशभक्त नागरिकों की सुरक्षा में संघ से जुड़े संगठन किस प्रकार भूमिका अदा कर सकते हैं, इसको लेकर विचार हुआ। यहां आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों से कहा गया कि जागरूकता फैलाने को वह कश्मीरियों के बीच जाया जाए। नोटबंदी के बाद कश्मीर में पत्थरबाजी में कमी पर संतोष जाहिर करते हुए तथाकथित अलगाववादी कश्मीरियों को देश की मुख्यधारा से जोडऩे का संकल्प भी लिया गया। बैठक में सभी संगठनों के कार्य विस्तार को लेकर आगामी रूपरेखा बनाई गई। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, विहिप अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगडि़य़ा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल आदि शामिल रहे।