पीएम मोदी बोले: बेहतर विश्व का करें निर्माण

शियोमी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद विरोधी लड़ाई को लेकर समन्वित कार्रवाई का आह्वान किया और उन 10 उत्कृष्ट प्रतिबद्धताओं को सुझाया जिनके जरिए वैश्विक परिवर्तन में ब्रिक्स नेतृत्व के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर चीन की ओर से आयोजित ‘ब्रिक्स उभरते बाजार एवं विकासशील देशों के संवाद’ में मोदी ने कहा कि साथी विकासशील देशों के साथ साझेदारी की भारत की पुरानी परंपरा रही है। मोदी ने कहा, ‘‘हम जो कुछ भी करते हैं उसका दुनिया पर व्यापक रूप से असर होता है। इसलिए यह हमारा महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि हम एक-एक करके या ब्रिक्स के माध्यम से एक बेहतर विश्व का निर्माण करें।’’ प्रधानमंत्री ने 10 उत्कृष्ट प्रतिबद्धताओं को रखते हुए कहा, ‘‘मैंने इस बारे में कहा है कि अगले 10 वर्षों में वैश्विक परिवर्तन ब्रिक्स द्वारा निर्देशित होगा और ये 10 वर्ष स्वर्णिम दशक होगा। मैं सुझाव देता हूं कि इसे अपने अतिसक्रिय रुख, नीतियों और कदम से हासिल किया जा सकता है। ’’ मोदी के अलावा ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका तथा पांच अतिथि देशों- मिस्र, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, मैक्सिको और गिनी रिपीट गिनी के नेता इस संवाद में शामिल हुए। इन देशों को भारत का ‘निकट और मूल्यवान’ साझेदार करार देते हुए मोदी ने कहा कि वह समग्र सतत विकास को हासिल करने की साझा प्राथमिकता पर इनके साथ नजरिया साझा करने को लेकर खुश हैं तथा उन्होंने इन देशों को साथ लाने के लिए राष्ट्रपति शी चिनफिंग का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि तकरीबन आधी मानवता का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्रिक्स ‘उत्कृष्ट प्रतिबद्धताओं’ पर आधारित अतिसक्रिय रूख, नीतियों और कदम से वैश्वि परिवर्तन के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। मोदी ने जिन 10 उत्कृष्ट प्रतिबद्धताओं का सुझाव दिया है उनमें ‘कम से कम तीन मुद्दों: आतंकवाद विरोधी लड़ाई, साइबर सुरक्षा और आपदा मोचन पर संगठित एवं समन्वित कार्रवाई’ के जरिए एक सुरक्षित विश्व बनाने की प्रतिबद्धता शामिल है। पहले से अधिक हरित विश्व बनाना, एक सक्षम विश्व बनाना, एक समावेशी विश्व बनाना, एक डिजिटल विश्व बनाना, एक कुशल विश्व बनाना, एक संबंद्ध विश्व बनाना, न्यायसंगत विश्व बनाना, एक स्वस्थ विश्व बनाना और एक सद्भावनापूर्ण विश्व बनाना प्रधानमंत्री की ओर से सुझाई गई अन्य प्रतिबद्धताएं हैं। संयुक्त राष्ट्र के 2030 एजेंडा के अनुरूप सतत विकास लक्ष्यों की भारत की राष्ट्रीय समीक्षा के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि देश के विकास के एजेंडा का आधार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के विचार से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कार्यक्रम इन प्राथमिकता वाले लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से समाहित करने की तैयारी में है। तीन आयामी रूख अपनाते हुए बैंक से नहीं जुड़े लोगों को बैंक खाता खोलकर, सभी को बायोमैट्रिक पहचान प्रदान करके और नवोन्मेषी मोबाइल शासन व्यवस्था का इस्तेमाल करके हमने करीब 36 करोड़ लोगों तक प्रत्यक्ष अंतरण की सुविधा पहुंचाई है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सहयोग का हमारा बिना शर्त वाला मॉडल विशुद्ध रूप से हमारे साझेदार देशों की जरूरतों और प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी विकास की साझेदारी, परियोजनाएं दर्जनों देशों में पानी, बिजली, सडक़, स्वास्थ्य सेवा, टेली-मेडिसीन और बुनियादी ढांचा प्रदान कर रही हैं।’