पीएम मोदी ने उठाया रोहिंग्या समाज का मसला

 

ने पी ता। म्यांमार दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वहां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई है। इसके बाद जारी हुए साझा बयान में पीएम मोदी ने कहा कि म्यांमार कि चिंता में हम भागीदार हैं। रोहिंग्या समाज के पलायन से भी चिंतित हैं। म्यांमार शांति प्रक्रिया में आपके द्वारा साहस पूर्ण नेतृत्व प्रशंसनीय है, आपकी चुनौतियां हम समझते हैं। इसकी सरहना की जानी चाहिए। पड़ोसी होने के चलते सुरक्षा को लेकर हमारी चिंताएं समान हैं। हमारे लिए जरूरी है कि हम साथ मिलकर काम करें।
वहीं म्यांमार की स्टेट काउंसलर आग सान सू की ने आतंकवाद पर बोलते हुए कहा कि हम साथ मिलकर यह तय करेंगे कि आतंकवाद को हमारी धरती पर पनपने का मौका ना मिले।
बता दें कि रोहिंग्या मुस्लिमों को चलते भारत भी परेशान है और उन्हें वापस उनके वतन भेजना चाहता है। कहा जाता है कि करीब 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं।
इससे पहले पीएम मोदी ने म्यांमार के राष्ट्रपति हतिन क्याव के साथ भारत और म्यांमार के ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा की। मंगलवार को म्यांमार पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने म्यांमार के राष्ट्रपति क्याव द्वारा प्रधानमंत्री का स्वागत किए जाने की कुछ तस्वीरें ट्वीट की हैं। दोनों नेताओं को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। यहां पहुंचने के तुरंत बाद दोनों नेताओं की बैठक हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने क्याव को तिब्बत के पठार से अंडमान सागर तक बहने वाली सालवीन नदी का 1841 का नक्शा और बोधिवृक्ष की मूर्ति भेंट की। उन्होंने इस मुलाकात को अद्भुत बताया। बुधवार को प्रधानमंत्री म्यामांर की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से विस्तृत बातचीत करेंगे। इस दौरान मोदी द्वारा म्यांमार से पड़ोसी देशों में रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन का मुद्दा उठाए जाने की उम्मीद है।