परिवारवाद की नयी इबारत लिख रहे हैं राम दास अठावले

 

 

मुंबई। केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपने नाबालिग बेटे को राजनीति में उतारने के लिए पार्टी की बाल शाखा का गठन किया है और अपने 12 साल के बेटे जीत को उसका मुखिया नियुक्त किया है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार अठावले ने पूर्वी मुंबई के चेंबूर में जीत की देख-रेख में बाल शाखा के गठन की घोषणा की। जीत ने पार्टी के अन्य पदाधिकारियों की भी नियुक्ति कर दी है। ये सभी बच्चे हैं। हालांकि अभी यह नहीं बताया गया है कि बाल शाखा किस प्रकार से काम करेगी। अठावले के इस 12 वर्षीय बेटे जीत ने बाल शाखा के अन्य पदाधिकारियों की भी नियुक्ति कर दी है। हालांकि अभी ये सभी बच्चे हैं इसलिए पार्टी का मानना है कि इन बच्चों के बड़े होने पर ये सभी पार्टी की सीनियर विंग के पदाधिकारी बनेंगे। हाल ही में अठावले ने आरक्षण को लेकर बयान दिया था। अठावले ने सेना में आरक्षण को लेकर मांग उठाई थी। उन्होंने मांग की कि सेना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण दिया जाए इसके लिए अठावले ने बाकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है। आठवले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-आठवले के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे साल 2004 में पंढरपुर सीट से लोकसभा सांसद रह चुके हैं, साल 2009 में शिरडी सीट से लोकसभा चुनाव लड़े आठवले हार गए थे। जिसके बाद साल 2014 में उन्हें एनडीए के कोटे से राज्यसभा भेजा गया। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इनकी पार्टी ने एनडीए में शामिल होकर भाजपा को महाराष्ट्र में बड़ी जीत दिलाई।