कल आ रही हैं भगवती: करिये हवन पूजन

फीचर डेस्क। शारदीय नवरात्र इस साल 21 सितंबर गुरुवार से शुरू हो रहा है और 30 सितंबर को नवरात्र का अंतिम दिन है। शास्त्रों के अनुसार अश्विन मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक नवरात्रि व्रत व दुर्गा पूजन किया जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा का विधान है।नवरात्र के पहले दिन मंगल कामना के लिए कलश स्थापना का विधान है। ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना से पूजन सफल होता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस वर्ष गुरुवार के दिन नवरात्र आरंभ होने के कारण राहुकाल 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक रहेगा। इस समय कलश स्थापना जिसे घटस्थापना भी कहते हैं नहीं करना चाहिए। पंचांग में इसके लिए जो शुभ मुहूर्त बताया गया है उसका ध्यान रखना चाहिए।गुरुवार को सुबह 10.34 बजे तक प्रतिपदा है, इसलिए जो प्रतिपदा तिथि में घटस्थापना करना चाहते हैं, उनके लिए सुबह 6.30 बजे से 8.19 बजे तक का मुहूर्त शुभ है। इसके बाद मंगलकारी मुहूर्त दोपहर 12.07 बजे से 12.55 बजे तक है जो अभिजीत मुहूर्त है।पंडित संजय पांडे के अनुसार, प्रतिपदा तिथि सुबह 10.57 बजे तक ही है। लेकिन देवी कार्य में उदया तिथि ग्राह्य है। इसलिए दिनभर घटस्थापना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को रात्रि 11. 23 बजे तक हस्त नक्षत्र रहेगा। यह नक्षत्र शुभ माना जाता है।