लोहिया ट्रस्ट बनाम कुनबे की कलह  

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में छिड़ी जंग अभी शांत नहीं हुई है. शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच शह-मात का खेल जारी है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई है. मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव बैठक में पहुंच चुके हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके समर्थकों ने बैठक का बहिष्कार किया है. यादव परिवार में एक बार फिर सियासी घमासन होते हुए साफ नजर आ रहा है. मुलायम सिंह और शिवपाल यादव जहां इस बैठक में शामिल हुए हैं, तो वहीं अखिलेश यादव और उनके करीबी इस बैठक का बहिष्कार कर दिया है. आज की बैठक में अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, आजम खान, धर्मेंद्र यादव और बलराम यादव इस बैठक में नहीं शामिल हुए हैं. इससे साफ है कि मुलायम कुनबे में कलह जारी है.मुलायम के अलावा शिवपाल सिंह यादव, अखिलेश यादव और रामगोपाल भी लोहिया ट्रस्ट के सदस्य हैं. इसी साल अगस्त में मुलायम ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक ली थी, अखिलेश और राम गोपाल उस बैठक में शामिल नहीं हुए थे. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पिछले दिनों लोहिया ट्रस्ट कार्यालय में हुई बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए अखिलेश के करीबी चार सदस्यों को ट्रस्ट से बेदखल कर दिया. नतेाजी द्वारा हटाए गए सदस्यों में राम गोविंद चौधरी, ऊषा वर्मा, अशोक शाक्य और अहमद हसन हैं. ये सभी सदस्य अखिलेश यादव के करीबी हैं. सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने इन चार सदस्यों की जगह शिवपाल के चार करीबियों को सदस्य बनाया. इनमें  दीपक मिश्रा,राम नरेश यादव,राम सेवक यादव और राजेश यादव सदस्य बनाये गए.

लोहिया ट्रस्ट की बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव बैठक में शामिल नहीं हुए . बैठक के बाद शिवपाल यादव ने कहा कि फिलहाल ट्रस्ट में वही रहेगा जो लोहिया हित में काम करेगा. बैठक में अखिलेश और रामगोपाल के शामिल न होने पर शिवपाल ने कहा कि बैठक की सूचना सबको दे दी गई थी, हो सकता है कोई काम पड़ गया हो. वहीं अखिलेश यादव को ट्रस्ट का मुखिया बनाने की चल रही चर्चा को शिवपाल यादव ने सिरे से खारिज कर दिया. शिवपाल यादव ने कहा कि ट्रस्ट के अध्यक्ष नेताजी हैं और वहीं रहेंगे. हम लोग पार्टी को मजबूत और एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।