संयुक्त राष्ट्र में भारत की ललकार: पाक को बताया टेररिस्तान

 

ललित के झा, संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हुए उसे आज विशुद्ध आतंक की धरती ‘टेररिस्तान’ करार दिया जहां एक फलता-फूलता उद्योग है जो वैश्विक आतंकवाद को पैदा करता है और उसका निर्यात करता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रतिनिधि ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कितनी अजीब बात है कि जिस देश ने ओसामा बिन लादेन को संरक्षण दिया और मुल्ला उमर को शरण दे रखी है वही देश खुद को पीडि़त बता रहा है। शाहिद खाकान अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाया था जिसके बाद भारत ने अपने प्रतिक्रिया देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव एनम गंभीर ने कहा, ‘‘अब तक पाकिस्तान के सभी पड़ोसी तथ्यों को तोड़-मरोडऩे, धूर्तता, बेईमानी तथा छल-कपट पर आधारित कहानियां तैयार करने की उसकी चालों से भलीभांति परिचित हो चुके हैं और परेशान हैं। ’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि वैकल्पिक तथ्यों को तैयार करने के प्रयासों से वास्तविकता नहीं बदल जाती। भारतीय राजनयिक एनम ने कहा, ‘‘ पाकिस्तान अपने छोटे से इतिहास में आतंक का पर्याय बन चुका है।’’ पाकिस्तान के नाम पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि ‘पाक’ का अर्थ है ‘शुद्ध अथवा पवित्र’ लेकिन वह भूमि जिसे ‘पाक’ बनाना था वह अब वास्तव में ‘विशुद्ध आतंक की भूमि’ बन चुकी है। पाकिस्तान अब ‘टेररिस्तान’ है जहां वैश्विक आतंकवाद का फलता-फूलता उद्योग है जो आतंक पैदा कर रहा है और उसका निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उसकी वर्तमान स्थिति का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि लश्कर ए तैयबा जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया है, उसका प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद अब राजनीतिक दल का नेता बनने की तैयारी कर रहा है।’’ एनम गंभीर ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ पाकिस्तान की आतंक निरोधी नीति का मकसद अपने सैन्य शहर में वैश्विक आतंकी नेताओं को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करवाना या उन्हें ‘राजनीति में लाकर’ संरक्षण देकर आतंकवाद को किसी तरह मुख्यधारा में लाना और उन्हें बढ़ावा देना है।