इंडियन ऑयल सूर्य प्रकाश से जगमग हो रहे हैं गांव-गांव

 

लखनऊ। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के अधिशासी निदेशक सुबोध डाकवाले और यूपी के अधिशासी निदेशक अविनाश वर्मा ने आज एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कंपनी की उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 19,106 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ तथा 4,38,692 करोड़ रूपये के कारोबार के साथ इंडियनऑयल को देश की सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र इकाई का ताज प्राप्त हुआ था। उच्च रिफायनरी लाभ, इन्वेंटरी प्राप्तियों तथा संचालन कुशलता की वजह से इस लाभ में बढ़ोत्तरी हुई। वर्ष 2016-17 के दौरान इंडियनऑयल ने पीओएल, गैस, पेट्रोकमिकल्स, विस्फोटक तथा निर्यात को मिलाकर लगभग 83.49 मिलियन टन उत्पाद बेचे। हमारी रिफायनरियों ने 65.2 मिलियन टन का उत्पादन सतत रूप से प्राप्त किया तथा हमारा जीआरएम (सकल रिफायनरी लाभ) 7.77 डॉलर बैरल रहा। वहीं हमारी देशव्यापी पाइपलाइनों के जाल के जरिये 81.8 मिलियन टन की रिकॉर्ड क्षमता हासिल की गई।
अधिकारी द्वय के अनुसार देश के खजाने में वर्ष 2016-17 में हमारा योगदान 1,79,014 करोड़ रूपये रहा। प्रोपेल ब्राण्ड नाम से किये जाने वाले हमारे पेट्रोकेमिकल कारोबार (निर्यात को मिलाकर) की बिक्री में भी वर्ष 2016-17 में अब तक की उच्चतम स्तर 2.57 मिलियन टन को देखा गया। इंडियनऑयल ने वर्ष 2016-17 के रूपये 15,395 करोड़ रूपये के समग्र कैपेक्स प्रदर्शन को पार किया।
चालू वित वर्ष की पहली तिमाही में इंडियनऑयल की संचालन आय 19.6 प्रतिशत वृद्धि केे साथ 1,28,191 करोड़ रूप्ये रही जोकि बीते वर्ष इसी तिमाही में 1,07,197 करोड़ रूपये थी। चालू तिमाही में शुद्ध लाभ 4,549 करोड़ रहा जोकि बीते वर्ष इसी तिमाही में 8,269 करोड़ रूपये था। इस कमी का कारण चालू तिमाही में इन्वेंटरी घाटा होना रहा। इंडियनऑयल ने 2017-18 की पहली तिमाही में निर्यात को मिलाकर 22.5 मिलियन टन उत्पादों की बिक्री की। वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में हमारी रिफायनिंग 17.5 मिलियन टन रही तथा इसी अवधि में कॉरपोरेशन की देशव्यापी पाइपलाइनों के जाल के जरिए 21.4 मिलियन टन का आंकड़ा हासिल किया गया। वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में ग्रॉस रिफायनिंग मार्जिन (जीआरएम) 4.32 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहा जोकि बीते वर्ष इसी तिमाही में 9.98 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।
भारत सरकार के विमुद्रीकरण अभियान के दौरान, इंडियनऑयल ने जनसामान्य की मुश्किलों को आसान करने के लिए अपने देशव्यापी पेट्रोल पंपों पर कैश एट पीओएस के जरिये 100 करोड़ रूपये मूल्य के नये करेंसी नोटों का वितरण किया।
एक अन्य बड़े मिशन के तहत भारत-3 ईंधन मानदण्डों से आगे बढक़र वर्ष 2014 में तीन चरणीय परिवहन ईंधन को तीन चरणों में जारी किया गया। ऐसा करने के लिए रिफायनरियों को बड़े पैमाने पर
उन्नत बनाया गया, वितरण व्यवस्था में बदलाव किये गए तथा अन्य संबंधित परिवर्तन किये गए। वर्ष 2016-17 में व्यवस्थित योजना की वजह से तीसरे व अंतिम चरण का कार्य शेष भारत में 1 अप्रैल 2017 तक सुगमता से पूरा कर लिया गया।
इंडियनऑयल तेल विपणन कंपनियों में पहली ऐसी कंपनी है जो ऑटोमोबाइल निर्माताओं को वर्ष 2020 में बनकर निकलने वाले वाहनों के परीक्षण के लिए बीएस-5 मानदण्डों की श्रेणी का ईंधन उपलब्ध करा रही है।
वर्ष 2016-17 में इंडियनऑयल ने विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा तथा समाज के निचले तबके की महिलाओं के वित्तीय समावेशण कार्यक्रम प्रधान मंत्री उज्जवला योजना का बीड़ा उठाया। यह अपने आप में विशाल कल्याणकारी कार्यक्रम था। वर्ष 2019 तक गरीबी रेखा के नीचे रह रहे 5 करोड़ परिवारों तक जमा रहित एलपीजी कनेक्शन के लक्ष्य के विरूद्ध एक साल से भी कम समय में 2 करोड़ से अधिक कनेक्शन दिये जा चुके हैं। अभी तक इस योजना के तहत 2.95 करोड़ से अधिक कनेक्शन जारी किये जा चुके हैं।
वर्ष 2016-17 के दौरान इंडियनऑयल द्वारा आज तक सर्वाधिक 1.53 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किये गये जबकि इसी दौरान गतवर्ष में 1.03 करोड़ कनेक्शन जारी किये गये थे। इस वर्ष नये एलपीजी वितरकों की नियुक्ति हेतु इंडियनऑयल द्वारा 587 लेटर ऑफ इंटेंट जारी किये गये हैं। गतवर्ष तेल विपणन कम्पनियों द्वारा 896 नये एलपीजी वितरक नियुक्त किये गये हैं। वर्ष 2016-17 में इंडियनऑयल ने 10 एमएमटी एलपीजी का विक्रय किया जोकि गतवर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है। एसएमएस द्वारा नये कनेक्शन की जानकारी, एसवी जारी होने की जानकारी, कस्टमर ट्रांसफर की जानकारी, रिफिल सम्बन्धित जानकारी आदि । इनके अलावा ग्राहक संतुष्टि के लिये आपातकालीन हेल्पलाइन नं0, ई-सेवा पोर्टल तथा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आनलाइन रिसपॉन्स मैनेजमेन्ट का प्रबन्धन जैसी सुविधायें भी प्रदान की गयी हैं।
इंडियनऑयल के लगभग 2000 ईंधन केन्द्रों को सौर ऊर्जा संचालन में परिवर्तित किया जा चुका है। अब तक कुल 6170 ईंधन केन्द्र सौर ऊर्जा में परिवर्तित किया जा चुका है जिनकी सम्मिलित क्षमता 24 मेगावॉट हो चुकी है। गुजरात, आन्ध्र प्रदेश तथा राजस्थान में 168 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इंडियनऑयल वाराणसी में 5 टन प्रतिदिन क्षमता वाले कचरे से ऊर्जा बनाने वाले 10 प्लांट लगाने जा रहा है ताकि वहां कचरे का प्रबंधन हो सके। दिसम्बर 2016 में पहला प्लांट आरंभ किया गया था जिससे बनने वाली बिजली से आसपास के क्षेत्रों की स्ट्रीट लाइटें जलाई जा रही हैं।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत संपूर्ण भारत में 6800 स्वच्छता गतिविधियों तथा जागरूकता अभियानों का संचालन अब तक किया जा चुका है।
इंडियनऑयल की विभिन्न रिफायनरियों, टर्मिनल, डिपो तथा आवासीय परिसरों में 560 रेन वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम लाये जा चुके हैं। लगभग 950 हेक्टेयर कैचमेंट क्षेत्र के साथ लगभग 3 बिलियन लीटर पानी की हार्वेस्टिंग प्रतिवर्ष की जा रही है। स्टार्ट अप इंडिया पहल के तहत वर्ष 2016-17 में इंडियनऑयल ने 30 करोड़ रूपये के एक रिवॉल्विंग स्टार्ट अप फण्ड को आरंभ किया ताकि देशी हायड्रोकार्बन क्षेत्र में नवप्रवर्तनीय परितंत्र माहौल को विकसित किया जा सके। इंडियनऑयल के फरीदाबाद स्थित अत्याधुनिक शोध एवं विकास केन्द्र द्वारा संचालित इस योजना से उन परियोजनाओं को सहायता मिलेगी जिनमें नवोन्नत प्रौद्योगिकी और कारोबारी प्रक्रियाओं की पुन:अभियांत्रिकी अवधारणा को स्थापित कर महत्वपूर्ण व्यापार संभावनाओं, सामाजिक परिप्रेक्ष्य तथा पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को हासिल करना हो। भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम – स्किल इंडिया – के तहत इंडियनऑयल ने भुवनेश्वर में एक स्किल डेवलपमेंट इन्स्टीट्यूट की स्थापना की है जिसका लक्ष्य आगामी 10 वर्षों में 40,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है। अशांत परिस्थितियों के दौरान अपने कत्र्तव्य निर्वहन से आगे बढक़र काम करने की परंपरा पर खरे उतरते हुए इंडियनऑयल ने जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा तथा मणीपुर आदि में कानून व्यवस्था की बिगड़ी हुई स्थिति और कर्मचारियों व परिवहनकर्ताओं के समक्ष मौजूद गंभीर खतरों के बावजूद पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति को लगभग सामान्य बनाये रखा।
इंडियनऑयल नेे जम्मू-कश्मीर स्थित विश्व के सबसे ऊंचे पहाड़ी वाहन मार्ग खारदुंगला पर टूरिस्ट मेडीकल फेसीलिटेशन सेंटर स्थापित किया है। यह केन्द्र समुद्रतल से 18,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
इंडियनऑयल ने जम्मू-कश्मीर के लेह के निकट स्थित नांग नामक गांव में जिला प्रशासन की मदद से सब्जियों के भण्डारण के लिए 23 तहखाने बनवाये हैं। ये तहखाने आंशिक रूप से जमीन के भीतर हैं जिनमें कड़ी सर्दियों के दौरान सब्जियों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे किसानों को मंद समय में उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सकेगी तथा वे आगामी फसल के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीज प्राप्त कर सकेंगे। इंडियनऑयल के अलग अलग स्थानों पर मौजूद व्यापक नेटवर्क ने समुदायों तक पहुंचने के अनूठी संभावनाओं के रास्ते खोले हैं। इंडियनऑयल जल जीवन तथा इंडियनऑयल सूर्य प्रकाश ग्रामीण आबादी तक पीने के पानी और सौर ऊर्जा से गांवों को रोशन करने जैसी विभिन्न सामुदायिक विकास योजनाओं का संचालन कर रहा है। इस वर्ष 32 गांवों में इसके संचालन के निकट स्थित गांवों में इन योजनाओं पर अमल किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में इंडियनऑयल के 7 ऑइल टर्मिनल हैं जो कि इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुगलसराय, आगरा, मथुरा एवं मेरठ में स्थित हैं। इसके साथ ही 6 ऑयल डिपो हैं जोकि बैतालपुर, गोण्डा, झांसी, आंवला, बन्थरा तथा नजीबाबाद में हैं। एलपीजी जरूरतों को पूरा करने के लिये उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, अलीगढ़, फरूखाबाद, कानपुर, पट्टीकला (काशीपुर), लखीमपुर खीरी, लोनी, लखनऊ, मथुरा, शाहजहांपुर, त्रिशुण्डी, वाराणसी तथा इटावा में 13 बाटलिंग प्लांट संचालित हैं। उत्तर प्रदेश में विमानन ईंधन आपूर्ति लखनऊ, कानपुर, वाराणसी तथा आगरा केन्द्रों से की जाती है।
वर्ष 2016-17 में पीओएल बिक्री 8706 हजार मीट्रिक टन थी। अप्रैल-अगस्त 2017 के दौरान उत्तर प्रदेश में पीओएल बिक्री 3923 हजार मीट्रिक है तथा बाजार हिस्सेदारी 56.6 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश के कोषालय में पिछले वित्तीय वर्ष में 9513 करोड़ रूपये का योगदान रहा। उत्तर प्रदेश में एलपीजी का विस्तार 77.1 प्रतिशत तक पहुंच गया है जोकि 1 अप्रैल 2014 के 47.7 प्रतिशत एलपीजी विस्तार से 29.4 प्रतिशत अधिक है। अब उत्तर प्रदेश में एलपीजी की पहुंच 77.3 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत के बराबर हो गयी है। अब तक उत्तर प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 61.5 लाख लोगों को प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इंडियन ऑयल द्वारा उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु लगभग 1261 करोड़ रूपये का खर्च किया जा रहा है। इसमें शामिल है मिर्जापुर में नये पीओएल टर्मिनल का निर्माण (मुगलसराय तथा इलाहाबाद टर्मिनल का रिसाईटमेंट) बैतालपुर डिपो की क्षमता बढ़ोत्तरी तथा पाईपलाइन से आपूर्ति, गोरखपुर में नया एलपीजी बॉटलिंग प्लान्ट तथा त्रिशुन्डी एलपीजी प्लान्ट की क्षमता बढ़ोत्तरी इत्यादि।
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के क्षेत्र में इंडियनऑयल द्वारा जनसुविधा एवं कल्याण हेतु कई योजनायें चलायी गयी हैं इनमें से मुख्य हैं – स्कूलों तथा सार्वजनिक स्थानों पर शौचालयों का निर्माण, गावों में हैण्डपम्प की सुविधा, सौर ऊर्जा वाली स्ट्रीट लाईट्स, एम्बुलेन्स तथा अन्य मेडिकल सुविधाएं, डस्टबिन लगवाना इत्यादि। गतवर्ष में इंडियनऑयल द्वारा उत्तर प्रदेश में इन योजनाओं पर लगभग 250 लाख रूपये खर्च किये गये हैं। इस वर्ष भी लगभग 150 लाख रूपये की योजनाएं कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के क्षेत्र में चिन्हित की गयी हैं जो कि कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।