राजब्बर ने दागे बीजेपी पर सवाल पर सवाल

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजबब्बर ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के बेटे जय शाह की कम्पनी टेम्पल इण्टरप्राइजेज को एक साल में 16000 गुना मुनाफा होने पर सवाल उठाते न केवल इस कम्पनी की असीमित आय की जांच की मांग की बल्कि एक व्यक्तिगत नागरिक की कम्पनी पर उठाये जा रहे सवालों पर बचाव में आये रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल को भी आड़े हाथों लिया।
राजबब्बर ने कहा कि यह लोग मंदिर बनाने का वादा करके सत्ता में आये थे लेकिन इन्होने ऐसा मंदिर ‘‘टेम्पल इण्टरप्राइजेज’’ बना दिया जो सिर्फ लूट खसोट करके अपनी सम्पत्ति बढ़ाने में लगी रही। उन्होने कहा कि कम से कम एक केन्द्रीय मंत्री को तो एक निजी व्यवसायी के बचाव में नहीं आना चाहिए था ऐसा होने से पूरी की पूरी केन्द्र सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है। उन्होने पीयूष गोयल पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल जब बिजली मंत्री थे तब उन्होने स्टाक मार्केट में डील करने वाली इस कम्पनी को सौर ऊर्जा का प्रोजेक्ट दिया था जबकि सौर ऊर्जा में इस कम्पनी का कोई अनुभव नहीं था। सवाल उठता है कि क्या ऊर्जा मंत्रालय ने कभी किसी सामान्य व्यापारी के साथ भी ऐसी दरियादिली का प्रदर्शन किया है।
आज की प्रेसवार्ता की खास बात यह रही कि प्रदेश अध्यक्ष श्री राजबब्बर ने सरकार के सामने सात सवाल रखे और साथ ही यह भी कहा कि यह सवाल देश की जनता की तरफ से किये जा रहे सवाल हैं क्योंकि देश की जनता आरोपों की तह तक जाकर सच्चाई जानना चाहती है। राजबब्बर ने पहला सवाल यह किया कि टेम्पल इण्टरप्राइजेज प्रा0 लि0 जो कि श्री अमित शाह की धर्मपत्नी, पुत्रवधू व पुत्र श्री जय शाह की कम्पनी है ऐसा क्या व्यापार करती थी साल के भीतर ही 16000 गुना कारोबार बढ़ा रही थी? इसमें क्या परिसम्पत्तियां थीं? कितने कर्मचारी थे? क्या देनदारी थी और इन सबका पैसा कहां से आ-जा रहा था? और अचानक ही वह कौन सी जादू की छड़ी जयशाह के हाथ में लग गई जिससे साल 2012-13 व 2013-14 में नुकसान उठाने वाली कम्पनी ने भाजपा सरकार बनने के एक साल के भीतर 16000 गुना यानी (16लाख प्रतिशत) करोबार बढ़ा लिया? राजब्बर द्वारा पूछा गया दूसरा सवाल यह था कि 16000 गुना बढ़े कारोबार वाली इस कम्पनी टेम्पल इण्टरप्राइजेज प्रा0 लि0 को अक्टूबर 2016 में नुकसान दिखाकर बन्द करने की नौबत आ गयी। क्या आयकर विभाग की जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि वह ऐसी संदिग्ध स्थिति में बन्द होने वाली कम्पनी को नोटिस देकर जांच करते? उन्होने कहा कि जनता यह भी जानना चाहती है कि उक्त कम्पनी के एक कमरे के कार्यालय में ऐसी क्या विलासितापूर्ण वस्तुएं व सुविधाएं थीं जिसका किराया 80 लाख रूपये दिखाया गया?तीसरा सवाल उठाते हुए श्री राजबब्बर ने कहा कि जय शाह की कम्पनी टेम्पल इण्टरप्राइजेज प्रा0 लि0 के खातों में यह भी दर्शाया गया है कि 51 करोड़ की राशि विदेशों से आयी थी। जनता जानना चाहती है कि ऐसी कौन सी खरीद फरोख्त या व्यवसाय कौन से लोगों से और किन-किन देशों में किया गया जिससे करोड़ों रूपये विदेश से कम्पनी के खाते में आया? क्या करोड़ों की राशि विदेशों से कम्पनी के खाते में आने पर किसी सरकारी एजेंसी के कान नहीं खड़े हुए व कभी कोई पूछताछ क्यों नहीं की गयी?