ताज पूजा की निशानी नहीं: अय्याश थे मुगल

 

नई दिल्ली। ताजमहल पर बीजेपी नेता संगीत सोम द्वारा दिए बयान से मचे बवाल में अब उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन भी कूद पड़े हैं। चैयरमैन सईद वसीम रिजवी ने मंगलवार को कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल पूजा का सिंबल नहीं हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्यादातर मुगल अय्याश रिजवी ने कहा, ताजमहल प्यार की निशानी हो सकती है, लेकिन पूजा की नहीं। एक-दो मुगलों को छोड़ दें तो ज्यादातर मुगल अय्याश थे। मुसलमान उन्हें अपना आइडल नहीं मानते हैं। यूपी सरकार द्वारा अयोध्या में भगवान राम की 100 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाने के प्रस्ताव की हो रही आलोचना पर कहा, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि यह मुद्दा ही क्यों है। जब मायावती ने अपनी खुद की प्रतिमा बनवाई तो किसी ने विरोध नहीं किया। तो फिर राम की प्रतिमा बनाने के प्रस्ताव पर विरोध क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि राम की प्रतिमा का निर्माण एक अच्छा कदम होगा क्योंकि अयोध्या हिंदुओं की आस्था का केंद्र है।