हार्दिक के खिलाफ जारी हुआ गैरजमानती वारंट

अहमदाबाद। विसनगर की एक अदालत ने 2015 में पाटीदारों के आरक्षण आंदोलन के दौरान भाजपा के एक विधायक के कायार्लय में तोडफ़ोड़ करने के मामले में लगातार दूसरी बार अपने समक्ष पेश ना होने पर आज आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी का गैरजमानती वारंट जारी कर दिया। विसनगर सत्र अदालत के न्यायाधीश वी पी अग्रवाल ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के संयोजक हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के संयोजक लालजी पटेल और पांच अन्य के खिलाफ वारंट जारी किया। हार्दिक पटेल और अन्य पर जुलाई, 2015 में विसनगर के विधायक ऋषिकेश पटेल के कायार्लय में तोडफ़ोड़ करने का आरोप है। इन लोगों को पूर्व में मामले में जमानत मिल गई थी। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता ने अपने वकील राजेंद्र पटेल के जरिए, व्यस्त कार्यक्रम का हवाला देते हुए व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग से जुड़ी याचिका दायर की थी लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया। जहां पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक लगातार दूसरी बार अदालत में पेश नहीं हुए, लालजी पटेल और अन्य पहली बार अदालत में अनुपस्थित थे। पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में पाटीदारों के लिए आरक्षण के आश्वासन सहित विभिन्न मांगों की शर्त रखी है। कांग्रेस पार्टी में सूत्रों ने बताया कि पटेल ने पाटीदार बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में उनके उम्मीदवारों के लिए अधिकतम टिकटों की मांग की है। गुजरात के लिए कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत के साथ अपनी वार्ता के दौरान पाटीदार अनामत आंदोलन के 24 वर्षीय नेता ने सोमवार को राजनीतिक रूप से असरदार पटेलों के लिए पार्टी के सांगठनिक ढांचे में बड़े प्रतिनिधित्व की मांग की थी।