बीजेपी ने बदला प्लान: वन बूथ, 30 वर्कर्स

 

विशेष संवाददाता, अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चुनाव प्रचार के साथ ही अपने बूथ मैनेजमेंट को भी मजबूत करने की तैयारी की है। अब बीजेपी ने एक बूथ 10 यूथ की जगह एक बूथ 30 वर्कर्स की रणनीति पर काम करना शुरू किया है ताकि एक कार्यकर्ता के जिम्मे बूथ के सिर्फ 25 से 30 वोटरों की ही जिम्मेदारी हो। पार्टी को लग रहा है कि ऐसा करने से उसके कार्यकर्ता ज्यादा प्रभावी तरीके से वोटरों तक पहुंच पाएंगे। चुनाव जीतने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का सबसे ज्यादा जोर बूथ मैनेजमेंट पर होता है। माना जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बीजेपी को मिली सीटें भी शाह के बूथ मैनेजमेंट की बदौलत हैं। ऐसे में वह इस बार अपने गृह राज्य गुजरात में बूथ मैनेजमेंट को लेकर कोई कमी नहीं छोडऩा चाहते हैं। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का पहले भी बूथ मैनेजमेंट पर जोर रहा है लेकिन इस बार गुजरात के चुनाव की अहमियत को देखते हुए पार्टी ने एक अलग तरह की रणनीति अपनाई है। पार्टी ने कमजोर बूथों की पहले ही पहचान कर ली है और अब ऐसे कमजोर बूथों को मजबूत करने के लिए 10 की जगह 30 वर्करों को तैनात किया जाए। सूत्रों का कहना है कि पार्टी की पूरी रणनीति बूथ मैनेजमेंट पर केंद्रित है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में उसकी स्थिति मजबूत है वहां पार्टी की ओर से पहले से तय किए गए सिस्टम से बूथ पर कामकाज किया ही जा रहा है, लेकिन जिन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं है या फिर कमजोर है ,ऐसी सीटों पर नए तरीके से काम किया जा रहा है।
बीजेेपी की रणनीति है कि मजबूत बूथों पर ज्यादा जोर इस बात पर दिया जाए कि वहां अधिक से अधिक वोटिंग हो और बीजेपी समर्थित वोटर हर हालत में बूथ पर पहुंचे। इसी तरह से कमजोर बूथों पर उन वोटरों की पहचान की जाएगी जो अब तक किसी न किसी वजह से बीजेपी से दूर रहे हैं। ऐसे पहचाने गए वोटरों तक पहुंचकर उनकी शिकायतों का पता लगाया जाए और फिर उन्हें पार्टी के पक्ष में मनाया जाए।