आरबीआई की सफाई: नहीं बंद हो रहा कोई बैंक

नई दिल्ली। केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी बैंक को बंद करने का कोई इरादा नहीं है। सोशल मीडिया पर अफवाहों और बैंकों में ग्राहकों की बढ़ती पूछताछ के बाद यह बयान आया है। दोनों ने स्पष्ट किया कि किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को बंद करने का सवाल ही नहीं उठता।
रिजर्व बैंक ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के बड़े ऋणदाता बैंक आफ इंडिया के खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई प्रक्रिया (पीसीए) शुरू करने के बाद इस तरह अफवाहें शुरू हो गई हैं कि सरकार कुछ बैंकों को बंद कर सकती है। रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ इंडिया को नया कर्ज बांटने से रोक दिया है। खबरें थीं कि सरकारी बैंकों की संख्या 21 से घटाकर 12 की जा सकती है। रिजर्व बैंक ने कहा कि सोशल मीडिया सहित मीडिया के एक वर्ग में कुछ भ्रामक सूचनाएं चल रही हैं कि पीसीए के तहत डाले जाने की वजह से कुछ सरकारी बैंकों को बंद किया जा सकता है। लेकिन हमारी योजना तो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने की है। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि पीसीए रूपरेखा का मकसद बैंकों के आम जनता के लिए कामकाज में बाधक बनना नहीं है। ऐसी कार्यवाही दिसंबर 2002 से परिचालन में है। इसके तहत 13 अप्रैल 2017 को दिशानिर्देश जारी किए गए थे। व्हाट्सएप से लेकर कुछ टीवी चैनलों में खबरें हैं कि सरकारी बैंकों की संख्या 21 से घटाकर 12 की जाएगी। नौ बैंकों को बंद किया जाएगा या उनका किसी अन्य बैंक में विलय होगा। अफवाहों में कहा गया कि यूनाइटेड, पंजाब एंड सिंध बैंक का बैंक ऑफ बड़ोदा में विलय होगा। ओरियंटल, इलाहाबाद, कारपोरेशन और इंडियन बैंक का पीएनबी में विलय होगा। सिंडिकेट, यूको और इंडियन ओवरसीज बैंक की केनरा बैंक में विलय की अफवाहें हैं। आईडीबीआई, सेंट्रल और देना बैंक की यूनियन बैंक में विलय की भ्रामक खबरें फैलीं। कहा गया कि यूनाइटेड, पंजाब एंड सिंध बैंक का बैंक ऑफ बड़ोदा में विलय होगा।