प्रकृति प्रेमियों के लिए दिव्य है लक्षद्वीप

Lakshadweep
फीचर डेस्क। हॉलीडे मनाने के लिए उपयुक्त जगह है लक्षद्वीप। यह द्वीप प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। यह भारत का सबसे छोटा केन्द्र शासित प्रदेश होने के बावजूद पर्यटन के लिहाज से सबसे लोकप्रिय है।
समुद्र की लहरों का शोर और नारियल के पेड़ों से टकराकर लौटती हवा। यहां का शांत वातावरण और धूप में चमकता समुद्री बीच पर्यटकों के दिलोदिमाग पर यादगार छाप देता है। आप यहां सम्रुद्री जीवन से नजदीक से रुबरु हो सकते है। पानी के खेल में रुचि रखने वाले जैसे स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग के आकर्षण में बहुत से पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं।
केरल के तट से 200 मील दूर अरब सागर में 27 द्वीपों के समूह को लक्षद्वीप के नाम से जाना जाता है। लक्षद्वीप के मात्र 10 द्वीपों पर ही मनुष्य रहते हैं। इन पर किसी प्रकार का उद्योग नहीं है और यहां दैनिक उपयोग की सारी सामग्री दूसरे प्रदेशों से आती है। यह 32वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
कवरत्ती: लक्षद्वीप की राजधानी है कवरत्ती। प्रदेश का प्रशासनिक मुख्यालय भी यही है। कवरत्ती में नौकायन का मजा लिया जा सकता है। समुद्र में सैर का लुत्फ उठाने के लिए यहां डोंगी और पॉल नाव किराए पर उपलब्ध हैं। समुद्र के किनारे रेत पर लेटकर धूप सेंकना पर्यटकों को यहां बहुत पसंद आता है। यहां जामनाथ मस्जिद में लकड़ी पर की गई बेहतरीन नक्काशी देखी जार सकती है।
कलपेनी: यह स्थान अपनी सुंदरता और तिलक्कम व पिट्टी नामक छोटे टापुओं के लिए प्रसिद्ध है। कलपेनी के उत्तर में चेरियम नाम का सूनसान टापू भी काफी लोकप्रिय है। 2.79वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले कलपेनी को विशाल और उथले लैगून ने चारों ओर से घेर रखा है। यहां तैराकी,कायक,सेल बोट,पेडल बोट आदि का आनंद लिया जा सकता है। यहां किराए पर वाटर स्पोट्र्स क्राफ्ट की व्यवस्था है।
मिनीकॉय: यह एक चन्द्राकार टापू है और मालदीप के सबसे निकट स्थित है। 10.6किमी लम्बा मिनीकॉय लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा टापू है। मालदीपिन संस्कृति मिनीकॉय को एक विशिष्ट पहचान देती हैं। यहां का लाइटहाउस सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं। इस लाइटहाउस को अंग्रेजों ने बनवाया था। वर्तमान में यहां हर समय तिरंगा लहराता रहता है।
मिनीकॉय की टूना कैनिंग फैक्टरी टूना फिशिंग का प्रमुख केन्द्र है। इसके अलावा यहां का लावा नृत्य भी काफी प्रसिद्ध है। लावा पुरूषों का नृत्य है जिसमे ड्रम की धुनों पर नाचा जाता है। मिनीकॉय 10गांवों का समूह है जिन्हें अथिरिस कहा जाता है।
कदमत: यह द्वीप 8 किमी लम्बा और 550 मीटर चौड़ा है। इसके पश्चिम के खूबसूरत उथले लैगून वाटर स्पोट्र्स के शौकीनों को अनेक अवसर प्रदान करते हैं। कदमत के पूर्व में एक संकरा लैगून है। यहां दूर-दूर फैले लम्बे रेतीले बीच पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र रहते हैं। पर्यटकों के लिए यहां टूरिस्ट हट की व्यवस्था है। यह हट लैगून के सामने नारियल के बगीचों में स्थित हैं। शहर के शोर शराबे से दूर यह जगह पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्व है। कदमत चूने के पत्थरों के लिए भी प्रसिद्ध है। हाल की में कदमत में स्कूबा डाइविंग केन्द्र स्थापित किया गया है। कदमत की सुंदरता पर्यटकों को स्वर्ग के आनंद की अनुभूति कराती है।
बंगारम : यह एक निर्जन टापू है और मात्र पर्यटकों के लिए ही खुला रहता है। यहां के नारियल के पेड़ गर्मियों के दिनों में भी वातावरण को शीतल बनाए रखते हैं। इस टापू पर शार्क मछली और समुद्री कछुए को देखा जा सकता हैं। यहां विंडसर्फिग, स्कूबा डाइविंग,पेरासेलिंग,स्नोर्कलिंग का आनंद लिया जा सकता है।
अगत्ती : यहां लक्षद्वीप के सबसे सुन्दर लैगून हैं। लक्षद्वीप में प्रवेश हेतु एकमात्र एयरपोर्ट यहीं स्थित है। साथ ही 20बेड वाला टूरिस्ट कॉम्पलेक्स यहां बनाया गया है। यह टापू 3.84 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। विदेशी पर्यटकों को यहां रुकने की अनुमति नही है।
अनद्रोथ: यह द्वीप लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप है। घने नारियल के पेड़ इस द्वीप की सुंदरता में वृद्धि करते हैं। लक्षद्वीप में इस द्वीप के लोगों ने सबसे पहले इस्लाम को अपनाया। मौलवी उबयदुल्लाह ने यहां के लोगों का धर्म परिवर्तित किया। जूमा की मस्जिद में इस संत का मकबरा स्थित है। मछली पालन यहां के लोगों का प्रमुख व्यवसाय है। भारत सरकार ने अनद्रोथ के पूर्व में आधुनिक लाइटहाउस टॉवर बनवाया है। टॉवर का निर्माण 1966में पूरा हुआ था।
बित्रा: यह द्वीप लक्षद्वीप के सबसे छोटे द्वीपों में एक है। किसी जमाने में इस द्वीप पर केवल जंगल ही था। समुद्री पक्षियों के प्रजनन स्थल के रूप में इस स्थान को जाना जाता था। उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में मछुआरों ने यहां स्थायी रूप से बसना प्रारंभ कर दिया। लक्षद्वीप के खूबसूरत द्वीपों में से एक बित्रा में पर्यटक यहां की सैर करना नही भूलते।