यूपी में रोजगार के लिए एमओयू साइन

यूपी में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की तैयारी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में शुक्रवार को नौ लाख लोगों को रोजगार देने के लिए एमओयू पर साइन हो गये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर हाथ को काम मिले, इस नीति पर प्रदेश सरकार काम कर रही है। इसी नीति के तहत इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन सहित अन्य औद्योगिक संस्थाओं के साथ शुक्रवार को एमओयू साइन किया जा रहा है। जिससे प्रदेश के 9 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सीएम योगी ने निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि उनके योगदान से प्रदेश में स्वदेशी वस्तुओं के उत्पादन को गति मिलेगी। साथ ही बहुत से लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा। कोरोना संकट से उपजी बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं में दलित कामगारों की भी चिन्ता शामिल की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित विभिन्न कमेटियों में से एक कमेटी प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह की अध्यक्षता में भी गठित की गई। इस कमेटी को विभिन्न राज्यों और प्रदेश के कई जिलों से पलायन कर अपने गांव-शहर लौट रहे प्रवासियों के साथ अन्य बेरोजगार दलित कामगारों को स्वत:रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने का लक्ष्य तय किया गया। प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री सिंह ने बताया कि फिलहाल ऐसे एक लाख दलित कामगारों को स्वत: रोजगार से जोडऩे की तैयारी की गई है। केंद्र सरकार के स्पेशल कमपोनेंट प्लान के तहत इन दलित कामगारों को आटा चक्की, लाण्ड्री, हेयर कटिंग सैलून, टेलरिंग आदि का रोजगार शुरू करने के लिए 50 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक का ऋण बैंकों से उपलब्ध करवाया जाएगा। इसमें 10 हजार रुपये की सब्सिडी होगी। 25 प्रतिशत मार्जिन मनी के बाद जो राशि बचेगी वह बैंक से 4 प्रतिशत ब्याज की दर पर कर्ज होगी।