काम नहीं आया हाथरस का हथकंडा

लखनऊ। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। समय के साथ तमाम हथकंडों की धार कुंद हो जाती है। उप्र विधानसभा के उपचुनावों में विपक्ष के साथ यही हुआ भी। हाथरस का हथकंडा काम नहीं आया। समाज को जाति के आधार पर बांटने के मंसूबे धरे के धरे के रह गये। जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन, तुष्टीकरण किसी का नहीं, विकास सबका के नारे में एक बार फिर मुहर लगा दी। वह भी जोरदार तरीके से। नतीजे सबके सामने हैं। तमाम हथकंडों और उछल-कूद के बावजूद कांग्रेस के खाते में शून्य ही आया । वह जैसे तैसे सिर्फ दो सीटों बांगरमऊ और घाटमपुर पर ही नंबर दो हो सकी । यहां भाजपा से उसके हार-जीत का अंतर 31000 और 2400 मतों का रहा । बाकी जगहों पर उसकी उपस्थिति न के बराबर रही । बसपा के लिए तो अब लगने लगा है कि वह मुस्कराने का अंतिम मौका हरदम के लिए गवां चुकी है। कोई चमत्कार ही उसे अब यह मौका दिला सकता है। वह मौजूदा उपचुनावों में सिर्फ एक बुलंद शहर सीट पर नंबर दो तक पहुंच सकी । यहां भी उसकी हार का अंतर 23000 से ज्यादा रहा ।
रही बड़े-बड़े दावे करने वाली सपा की बात तो वह मुश्किल से अपनी मल्हनी सीट बचा सकी वह भी बहुत मुश्किल से । यहां हार-जीत की मार्जिन करीब पांच हजार वोटों की रही । सपा तीन स्थानों पर नंबर दो पर रही । देवरिया सीट पर सपा 20000 से ज्यादा मतों से हारी । नौगांवां सादात में तमाम धार्मिक और जातीय हथकंडे अपनाने के बावजूद सपा को करीब 16000 के अंतर से करारी हार मिली । टुण्डला सीट पर सपा का हाल और बुरा रहा । मतदाताओं ने भाजपा के मुकाबले सपा को करीब 18 हजार वोटों से हरा कर यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश की जनता देश और समाज को तोडऩे वाली ताकतों के साथ नहीं है।
उपचुनावों में मिले मत प्रतिशत के आंकड़ों पर गौर करें तो मतदाताओं ने सपा,बसपा और कांग्रेस जैसे दलों की विपक्षी दल की हैसियत भी खत्म कर दी है। बांगरमऊ सीट पर भाजपा को 40 फीसदी से ज्यादा मत मिले, जबकि सपा को करीब 20,कांग्रेस को 22 और बसपा को महज 10 फीसदी मत मिले। बुलंदशहर सीट पर भाजपा के 44 के मुकाबले बीएसपी को 33 और कांग्रेस को महज 5 फीसदी मत मिले। देवरिया में भाजपा को 40 फीसदी से ज्यादा मत मिले जबकि सपा को 28,बसपा को 12 और कांग्रेस को महत 2 फीसदी वोट मिले। घाटमपुर में भाजपा के 39 फीसदी के मुकाबले सपा को 14,कांग्रेस को 23 और बसपा को 21 फीसदी मत मिले हैं। नौगावां सादात भाजपा को 42 फीसदी मत मिले जबकि सपा को 34,बसपा को 18 और कांग्रेस को मात्र 2 फीसदी मत मिले। टुण्डला में भाजपा के 40 फीसदी से ज्यादा मतों के मुकाबले सपा को 30 और बसपा को महज 22 फीसदी वोट मिले। इस तरह मौजूदा चुनावों में प्रदेश की जनता ने एक बार फिर विपक्ष को सिरे से नकार दिया ।उपचुनावों में भाजपा की यह जीत जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों की जीत मानी जा रही है वहीं जीत और हार के बीच के आंकड़ों को विपक्ष की देश और समाज विरोधी साजिशों पर जनता का प्रहार माना जा रहा है। उपचुनाव में मुहर के जरिये जनता ने एक बार फिर योगी के नेतृत्व पर यकीन जताया है । वह भी मुकम्मल तरीके से।