जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड का अकाल

गाजियाबाद। हाल में जिला एमएमजी अस्पताल में मरीजों को अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के कारण मूलभूत चिकित्सा सुविधाओं से वंचित रखने का मामला प्रकाश में आया है। अस्पताल के रोज-रोज चक्कर काटने वाले कुछ मरीजों ने यह शिकायत की है के अस्पताल में घोर अव्यवस्था तथा लापरवाही का आलम व्याप्त है। उन्होंने जानकारी दी कि अस्पताल में पुरुष विभाग तथा महिला विभाग में अलग-अलग अल्ट्रासाउंड मशीनों के रहने के बावजूद अल्ट्रासाउंड बाहर से करवाने के लिए मजबूर किया जाता है । रामलीला कमेटी घंटाघर के अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल उर्फ वीरू बाबा ने बताया कि अभी हाल ही में जब उन्हें अपने परिजन के लिए जिला अस्पताल के महिला विभाग में अल्ट्रासाउंड करवाने की आवश्यकता पड़ी तो उन्हें यह कहकर टरका दिया गया कि यद्यपि अल्ट्रासाउंड मशीनें दो है पर उनके उनके ऑपरेटर ना होने के कारण उन्हें बाहर से ही अल्ट्रासाउंड कराना पड़ेगा । ऐसी और भी कई घटनाएं प्रकाश में आई है । हैरत की बात यह है उत्तर प्रदेश शासन में सरकारी अस्पतालों में उत्तम चिकित्सकीय सुविधाओं की बात हमेशा कही जाती है । प्रदेश के राज्य स्वास्थ्य मंत्री का निवास भी इसी शहर में है । क्या यह संभव है कि उनके संज्ञान में यह बात ना हो की अस्पताल की दोनों अल्ट्रासाउंड मशीनें ऑपरेटर के अभाव में लंबे समय से बंद पड़ी हैं ? या फिर उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं का दावा केवल सरकारी विज्ञापनों तक ही सीमित होकर रह गया है ?