नगर निगम की बैठक में बजट पर हंगामा: बीजेपी का प्रहार

श्यामल मुखर्जी/दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। नगर निगम सदन की एक साल पहले शून्य घोषित सदन बैठक से जुड़े बजट एवं वार्ड में विकास के कार्यों को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। बैठक में बताया गया विभिन्न विभागों आदि को नगर निगम की जमीन देने से जुड़े प्रस्ताव रखे गए थे। उन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस बीच बजट के आंकड़ों को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ पार्षद राजेंद्र त्यागी और हिमांशु मित्तल ने जबरदस्त तरीके से नगर निगम अधिकारियों पर प्रहार किए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बजट के आंकड़ों का खेल पूरी तरह से बंद होना चाहिए। बीजेपी के वरिष्ठ पार्षद अनिल स्वामी ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकारी खुद से निर्णय लेना बंद करें। निगम कार्यकारिणी एवं सदन पर निर्णय होने के बाद ही उस पर अमल किया जाए। निगम सदन एवं कार्यकारिणी से बढक़र कोई नहीं है। लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन परिसर में आयोजित सदन की बैठक के दौरान स्वामी ने कहा कि यदि किसी नई योजना को नगर निगम अधिकारी लाना चाहते हैं तो उन्हें चाहिए कि प्रस्ताव तैयार करते हुए निगम कार्यकारणी एवं सदन में प्रस्तुत करें। सदन से स्वीकृति के बाद अमल किया जाए। बीजेपी पार्षद हिमांशु लव ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार एक जिले में अधिकारी के 3 साल की सेवा अवधि का नियम है। कुछ पदाधिकारियों का तबादला भी किया गया था। सदन के बीच स्पष्ट होना चाहिए कि इन अधिकारियों में ऐसी क्या खूबी है जो कि उनकी वापसी हो गई। इसके अलावा जिन अधिकारियों के पद सृजित नहीं उन पर कैसे दूसरे विभाग के अधिकारी द्वारा कार्यों की सेवा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सीएलसी के माध्यम से कर्मचारियों को रखा जाता है। छह माह कार्य कराने के बाद उन्हें वेतन दिया जाता है। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
इंदिरापुरम के शिप्रा सनसिटी पर बीजेपी पार्षद संजय सिंह ने इस बात को लेकर तीखी नाराजगी जताई कि इंदिरापुरम के कई वार्ड निगम के अंतर्गत आते हैं लेकिन यह दुखद है कि एक पार्षद को अपने वार्ड में विकास कराने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ कागजात उनके पास ऐसे हैं जिससे साबित हो जाता है कि इंदिरापुरम निगम को हैंड ओवर करने के नाम पर जीडीए नाटक कर रहा है क्योंकि जीडीए के स्टाफ का वेतन इंदिरापुरम से ही हासिल किया जाता है। इस बीच तमाम औपचारिकताओं के साथ इंदिरापुरम के हैंड ओवर करने की कार्रवाई पर जोर दिया गया। हालांकि पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा कि जीडीए को ग्रीन बेल्ट एवं पार्क की सैकड़ों एकड़ जमीन को भी निगम को हैंड ओवर करना होगा जो कि निजी बिल्डरों को लीज पर दी गई है। इसके साथ ही कम्युनिटी सेंटर आदि भी निगम के हवाले करने होंगे। बीजेपी के पार्षद सरदार सिंह भाटी ने बगैर किसी सहमति के वार्ड से सुपरवाइजर हटाने के मुद्दे को लेकर तीखी नाराजगी जताई। कई अन्य पार्षद ने भी इस बात पर जोर दिया कि आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उनके सुझाव प्राप्त किए जाएं लेकिन वार्ड में विकास पार्षदों की सहमति के आधार पर ही कराए जाएं। कई पार्षदों ने दो टूक कह दिया कि बाहरी ताकतों का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नीतिगत फैसले होने चाहिए चाहे वह जमीन से जुड़ा हो उसे पहले सदन में रखा जाए। वार्ड में 3 वर्ष के दौरान कोई विकास कार्य नहीं किया गया यह आरोप अर्थला के पार्षद ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में पिछले 3 साल से विकास का कोई कार्य नहीं हुआ। वही महिला पार्षद ने आरोप लगाया कि वार्ड में दूषित पेयजल आपूर्ति से जुड़ी शिकायत 10 बार करने के बाद भी दूर नहीं की जा रही है। बीजेपी पार्षद कुमार माहेश्वरी ने इस बात पर जोर दिया कि तमाम वार्ड में तैनात माली व कर्मचारियों का 6 माह के भीतर सत्यापन होना चाहिए। उनकी जानकारी के अनुसार एक सुपरवाइजर द्वारा अपने छह सगे संबंधी लगाए हैं जो कि कभी ड्यूटी नहीं देते हैं और घर बैठकर वेतन पा रहे हैं । इस बात के उनके पास प्रमाण हैं।