आलू चला अफगानिस्तान: हॉफेड ने भेजा प्रस्ताव

लखनऊ। यूपी के सरप्लस आलू को इस बार नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के अलावा श्रीलंका और अफगानिस्तान में निर्यात की तैयारी है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) ने इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल करते हुए आलू उत्पादकों और निर्यातकों के बीच संवाद शुरू कराया है। बात बनती है तो इस साल केवल नेपाल, भूटान और बांग्लादेश ही नहीं प्रदेश से श्रीलंका और अफगानिस्तान भी आलू का निर्यात किया जा सकेगा।
इस बीच करीब दो दर्जन से अधिक एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन) ने भी श्रीलंका और अफगानिस्तान को आलू निर्यात में मदद के लिए हाफेड को प्रस्ताव भेजा है। प्रदेश में उत्पादित आलू की खपत और विपणन के गणित को देखें तो कुल उत्पादन का करीब 28 प्रतिशत आलू सरप्लस रह जाता है। यह 28 प्रतिशत हिस्सा 40 से 50 लाख टन है। अगर यह निर्यात हो जाए तो आलू उत्पादक किसानों को और अधिक लाभ मिल सकेगा और वे समृद्ध हो सकेंगे।
आंकड़े के अनुसार प्रदेश में गत वर्ष 147.77 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ। इसका करीब 51 प्रतिशत हिस्सा घरेलू खपत यानी खाने में इस्तेमाल हो जाता है। 14 प्रतिशत हिस्सा अगले साल के बीज के लिए सुरक्षित रखा जाता है जबकि बमुश्किल सात फीसदी आलू प्रसंस्करण उद्योग में खप जाता है। बचा 28 फीसदी आलू अतिरिक्त या सरप्लस रह जाता है। इसके ही बेहतर तरीके से खपाने की चिन्ता सरकार की भी है ताकि किसान को इसका लाभ मिल सके। पिछले साल हुए बम्पर आलू उत्पादन को देखते हुए हॉफेड ने अलग-अलग प्रदेशों में बायर-सेलर मीट कराकर यूपी से भारी मात्रा में दूसरे राज्यों विशेष कर उत्तर-पूर्वी राज्य एवं दक्षिणी राज्यों को आलू बिकवाया, जिससे किसानों को काफी लाभ पहुंचा। पिछले साल हुए प्रयास का ही नतीजा था कि यूपी से नेपाल के अलावा भूटान एवं बांगलादेश भी आलू का निर्यात किया गया।