व्यापारी के हाथ मे सरकारी टैक्स के नाम पर जी एस टी वहीं बदमाशो के हाथों में अवैध असलहा

दीपक मिश्रा। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सरकार बनते ही अपराधियो कजगह केवल शमसान बताया था। लेकिन आज उनकी कथनी को अपराधी धता बताते हुए यह साबित कर दिखाए की हम खुलेआम सडक़ पर रहेंगे बाकी आम आदमी की जगह हैं शमसान घाट। 2010 के आईपीएस अधिकारी पुलिस कप्तान शिवहरि मीणा को आते ही 7 जनवरी सुबह 9 बजे श्याम बिहारी गली में 90 लाख की ज्वैलरी स्वर्ण व्यवसायी से लूटकर लुटेरों ने दागी सलामी। दूसरी घटना दो दिन बाद 9 जनवरी को शाम 6:30 बजे पट्टी रायपुर रोड पर स्वर्ण व्यवसायी दो सगे भाइयों को गोली मारकर लगभग 10 लाख कीमत की ज्वेलरी लूटकर व एक भाई अहमद की हत्या कर सनसनी फैला द। ताबड़तोड़ वारदातों से व्यापारी से लेकर आम आदमी तक अब दहसत में जीने को हो गया मजबूर। इन सब घटनाओं को देखते हुए लोगो मे तत्कालीन यहां से ट्रांसफर हुए आईपीएस अधिकारी पुलिस कप्तान अनुराग आर्य की पुलिसिंग याद दिला दी। यहां की जनता परेशान है यह सोचकर आखिर जब उनके रहने पर जनपद में अपराध के बाढ़ पर रोक लग गया तब उनका ट्रांसफर आखिर क्यो?
लेकिन यहां के सफेदपोश नेताओ को जनपद का अमन चैन राश न आया और एक ईमानदार पुलिस कप्तान को यहां से जाना पड़ा। जिसका खामियाजा व्यापारी व जनता को अपनी जान गवांकर देना पड़ रहा है अपराधी मस्त और पुलिसिंग पूरी तरह से ध्वस्त। अगर अपराध पर लगाना है रोक तो सबसे पहले जनपद में नशेडिय़ों और नशा की सामग्री बेचने वालो पर प्रशासन चलाये हंटर और अपने विभाग के नटवरलाल पर करनी होगी बड़ी कार्यवाही तब जाकर शहर का अमन चैन आ सकता है वापस। व्यपारियो ने लगातार हो रही लूटपाट और हत्या के विरोध में आज मुख्यालय को कराया बंद।