एमडीए : नौकरी से निकाले गए कर्मियों पर पड़ रही दो तरफा मार

दिनेश शर्मा। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के 110 कर्मचारियों व उनके परिवार के लिए नया साल खुशखबरी का संदेश न देकर संघर्ष को उनकी झोली में डाल गया है। नए साल के पहले हफ्ते की 4 तारीख से पिछले 25-30 वर्षों से निरंतर कार्यरत मुरादाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्षा द्वारा जबरन बेरोजगार किए गए कर्मी कडक़ड़ाती ठंड,कोहरे व औस में सरकार से अपनी मांगों की सुनवाई की आस में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। बेरोजगार किए गए कर्मियों की समस्या से आहत होकर रिटायर्ड कर्मचारियों के प्रांतीय संगठन के अध्यक्ष श्री एमपी शर्मा ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर ठंड में धरना दे रहे कर्मियों को ससम्मान न्याय हित में पुन: सेवा में लिए जाने हेतु मांग की। श्री शर्मा ने शासनादेश संख्या 4477/9-आ0-5-1996 आवास अनुभाग-5 का हवाला देते हुए कहा शासनादेश में स्पष्ट है कि विकास प्राधिकरण संगठन में बहुत बड़ी संख्या में हर क्षेत्र में पुराने दैनिक वेतन व वर्कचार्ज आदि ऐसे कर्मचारी कार्यरत हैं जिन्हें न्यायालय के आदेशों के कारण अब निकालना संभव नहीं है इसलिए विभाग में जब भी पद होंगे उनमें योग्यता अनुसार उनका चयन किया जाएगा चुंकि ऐसे कर्मचारी विभिन्न क्षेत्रों के प्राधिकरण में विद्यमान हैं इसलिए आप स्वतंत्र है कि वहां से किसी कर्मचारी को अपने यहां उन्ही शर्तों पर रख लें और वरिष्ठतम होने के कारण जब पद स्वीकृत होंगे तो वह स्वत: रेगुलर हो जाएंगे या यदि पद उपलब्ध होंगे तो उन पदों के लिए चयन भी किया जा सकता है। प्रांतीय अध्यक्ष एमपी शर्मा ने बताया कि दूसरे शासनादेश संख्या वे0आ0- 2-2063/दस-54(एम)/ 2008 टीसी वित्त (वेतन आयोग) अनुभाग 2 दिनांक 8-9-2010 के द्वारा 29 जून 91 तक नियुक्त कार्यरत दैनिक वेतन/वर्क चार्ज कर्मचारियों को नियमित किए जाने का शासन द्वारा निर्णय लिया गया था जिसके सापेक्ष 4 जनवरी 2011 को कट ऑफ डेट 29 जून 1991 तक नियुक्त कार्यरत दैनिक वेतन/वर्कचार्ज कर्मचारियों को नियमित किया जा चुका है। प्रांतीय अध्यक्ष ने यह भी बताया कि तीसरे शासनादेश संख्या-9/2010/वे0आ0-2-201/दस-2010-(मू0स0स0)/2011 टी0सी0 वित्त (वेतन आयोग) अनुभाग-2 दिनांक 24 फरवरी 2016 के द्वारा 31 दिसंबर 2001 तक नियुक्त दैनिक वेतन/वर्क चार्ज एवं संविदा के कार्मिकों को नियमित किए जाने का राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया जा चुका है ऐसी स्थिति में कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2001 से पूर्व नियुक्त कार्मिकों को सेवा से विरत किया जाना सैद्धांतिक न्याय और व्यवहार की दृष्टि से शासनादेश के विपरीत है और राज्य सरकार की नीतियों का घोर उल्लंघन है जबकि राज्य सरकार बेरोजगार नागरिकों को रोजगार देने के लिए कटिबद्ध है। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के प्रांतीय दिनेश जमदग्नि ने कहा कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण सेवा से पृथक किए गए लगभग 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके 110 कर्मी अपने परिवार का भरण पोषण का दायित्व नहीं निभा पाएंगे और परिवार की दयनीय स्थिति होकर भुखमरी की नौबत आ जाएगी इसलिए तत्काल संज्ञान लेकर माननीय मुख्यमंत्री महोदय को मानवीय रूप से पहल करते हुए बेरोजगार कर्मियों को पुन: सेवा में लेकर मानवता व उदारता का उदाहरण पेश करना चाहिए।