चीन के खिलाफ भारत का साथ देगा अमेरिका

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद को लेकर गतिरोध शुरू होने से दो साल पहले अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए रणनीति तैयार की थी। हाल में सामने आए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, इसमें चीन के साथ सीमा विवाद जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत को राजनयिक और सैन्य समर्थन देने की बात कही गई थी। साल 2018 की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2017 के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा बनाई गई रणनीति का समर्थन किया था। व्हाइट हाउस द्वारा तैयार की गई एक राष्ट्रीय सुरक्षा ब्रीफिंग, जिसे ‘गुप्त’ और ‘विदेशी नागरिकों के लिए नहीं’ बताया गया था, वह सामने आई है। इसे बुधवार को जारी किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टर एबीसी न्यूज ने मंगलवार को इससे जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट्स हासिल किए हैं। डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए एबीसी न्यूज ने बताया कि अमेरिका ने राजनयिक, सैन्य और खुफिया चैनलों के जरिए से भारत को समर्थन देने की प्लानिंग की थी, ताकि चीन के साथ सीमा विवाद जैसी महाद्वीपीय चुनौतियों का समाधान किया जा सके। इससे अमेरिका का उद्देश्य रक्षा सहयोग और अंतर-क्षमता के लिए एक मजबूत आधार का निर्माण करके सुरक्षा के नेट प्रोवाइडर के रूप में सेवा करने के लिए भारत की वृद्धि और क्षमता में तेजी लाना था।