कराकर नक्शे के विरुद्ध निर्माण: जीडीए के जेई बनाते अपना काम

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन अनुभाग के अवर अभियंता/ सुपरवाइजर नित प्रतिदिन अवैध निर्माण कराने के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। जीडीए के अधिकारियों द्वारा अपने वातानुकूलित कमरों से बाहर न निकलकर फिल्ड में न जाना इनके लिए वरदान साबित हो रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण है कि गाजियाबाद के मुकंद नगर कॉलोनी में एक बहुत बड़े भूखंड पर व्यवसायिक कांप्लैक्स तैयार किया जा रहा है। पहली मंजिल बन गई दूसरी मंजिल बन गई जीडीए के जेई सुपरवाइजर का नित्य क्षेत्र में भ्रमण की ड्यूटी होने के बावजूद भी कैसे बन गई यह यक्ष प्रश्न हमेशा जीवित रहेगा तथा शहर के जागरूक व बुद्धिजीवी नागरिकों के दिमाग में हमेशा कौंधता रहेगा। नगर निगम ने इस क्षेत्र पर रोड पर अवैध अतिक्रमण कराया हुआ है तथा जीडीए के अवर अभियंता/सुपरवाइजर अवैध निर्माण कराकर शहर का इन्फ्राट्रक्चर ध्वस्त करने में लगे हैं। गलती इनकी भी नहीं है ऐसा आम चर्चा में रहता है कि गाजियाबाद में अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी ट्रांसफर होकर आते है उन्हें यहां का पानी लग ही जाता है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा आए दिन यही राग अलापा जाता है कि जीडीए की वित्तीय हालत/माली हालत खराब है लेकिन विभाग का खून चूस रही इन सुपरवाइजर/अभियंताओं जैसी जोंकों ( एक कीड़ा जो नदी तालाबों में पाया जाता है तथा अपने संपर्क में आए निर्दोष प्राणियों का खून चूस लेता है) पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। इन अवैध निर्माणों की संचार माध्यमों से नित्य खबरें प्रकाशित होती रहती हैं लेकिन ऊपर से लेकर नीचे तक कार्रवाई न होना अपने आप में एक अजीब स्थिति है। कागजों में तो बिचारे अपनी क्षमता से अधिक बहुत उछल कूद कर रहे हैं लेकिन फिर भी अवैध निर्माण। कहावत भी है कि अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा।