ग्रामीण उत्पाद को विपणन और तकनीक से जोडऩे की जरूरत:गडकरी

वर्धा। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गांव को समृद्ध करने, युवाओं को रोजगार देने एवं कृषि में सुधार करने के लिए संचार, समन्वय और सहयोग के सूत्र पर काम करना होगा। ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक के साथ विपणन की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल के विकल्प के रूप में सीएनजी, इथेनाल, बायोगैस को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने विदर्भ के नागपुर, भंडारा, गड़चिरौली और वर्धा जैसे जिलों को डीजल मुक्त करने का आहवान किया। वर्धा में किसानों को समृद्ध करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण के द्वारा सब्जियां दुबई, कनाडा भेजी जा रही है। वर्धा के ‘गोरस पाक’ को पैकेजिंग, ब्रांडिंग के माध्यम से वैश्विक स्तर पर ले जाया जा सकता है। श्री गडकरी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में ‘वर्धा मंथन 2021 : ग्राम स्वराज की आधारशिला’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने की।
केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि हमें समय-काल के अनुसार स्वयं में परिवर्तन करना चाहिए। गांव, किसान और कारीगर को केंद्र में रखकर ही नीति निर्माण किया जाना चाहिए। राजनीति सत्ता के लिए बल्कि समाज में बदलाव का एक उपकरण है। गांधी, विनोबा, दीनदयाल उपाध्याय, दत्तोपंत ठेंगड़ी जैसे चिंतकों की तरह सत्ता की राजनीति को छोडक़र हमें राष्ट्रकरण का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खादी में नवोन्मेष को बढा़वा देने से गांव समृद्ध होंगे। हमें गांवों में रोजग़ार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। जब तक गांव, गरीब, मजदूर, किसान आत्मनिर्भर नहीं होंगे तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए हमें प्रतिभावान युवाओं को प्रेरित कर गांवों की ओर भेजना होगा।
इस अवसर पर महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी (बिहार) के कुलाधिपति तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि आज आर्थिक गैर-बराबरी और विषमताएं बढ़ी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का रास्ता दिखाया है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी भी स्वावलंबन पर ज़ोर देते रहे हैं। वर्धा के सांसद रामदास तड़स ने कहा कि गांधी जी ने प्रण किया था कि जब तक देश को आज़ादी नहीं दिलाऊंगा तब तक साबरमती आश्रम में नहीं आऊंगा। गांधी जी वर्धा आए और यहीं रहकर 14 वर्षों तक ग्राम विकास को दिशा दी।
विनोबा भावे के सचिव रह चुके बालविजय भाई ने कहा कि गांधी और विनोबा ने ग्राम स्वराज की नींव वर्धा में रखी। हमें ग्राम स्वराज का ब्लू प्रिंट ‘वर्धा मंथन’ से मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि स्वराज ‘थ्री सिस्टम’ से चलेगा, लोकसभा, राज्यसभा और आचार्य सभा। ग्राम स्वराज के लिए आचार्य सभा को आगे आना चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि ग्राम विकास, समाज सेवा, सामाजिक सुधार, तकनीक और राजनीति जैसे विविध क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का समवाय है। उन्होंने कहा कि 1934 में महात्मा गांधी ने स्पष्ट कहा था कि मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश रचनात्मक कार्यक्रम है। भारत की आज़ादी केवल सत्ता परिवर्तन की नहीं बल्कि रचनात्मक कार्यक्रम के माध्यम से सभ्यता परिवर्तन का एक यज्ञ है। गांधी का स्वराज रामराज्य है। भारत केवल खेतिहरों का नहीं बल्कि कारीगरों का भी देश है। ‘वर्धा मंथन’ के माध्यम से किसान, कारीगर, दस्तकार, शिल्पकार पर चर्चा कर स्वावलंबी और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना का दस्तावेज तैयार हो सकेगा।‘वर्धा मंथन 2021’ का उदघाटन 6 फरवरी को विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन के कस्तूरबा सभागार में किया गया। कार्यक्रम के दौरान दिलीप केलकर एवं आशीष गुप्ता की पुस्तक ‘ग्राम विकास-भारतीय दृष्टि’ और डॉ. अर्चना की पुस्तक ‘दैशिक शास्त्र‘ का विमोचन किया गया । कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चंद्रकांत रागीट ने तथा धन्यवाद म.गां. फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. मनोज कुमार ने ज्ञापित किया। कार्यशाला के संयोजक डॉ. के. बालराजु ने देशभर से सहभागिता कर रहे ग्रामीण विकास से जुड़े चिंतकों का स्वागत किया। उदघाटन सत्र का प्रारंभ दीप दीपन एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत से किया गया। राष्ट्रगान के साथ उदघाटन सत्र का समापन किया गया।
‘ग्राम विकास के देशज प्रयोग’ विषय पर प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. कृपाशंकर चौबे ने की। इस सत्र में पोपटराव पवार, रवि गावंडे, दिलीप केलकर, देवाजी तोफा, मोहन हीराबाई, नंदु गावंडे, अनिल सांबरे, विजय घुगे ने विचार व्यक्त किये। ‘ग्राम स्वराज और भारतीय कृषि : अंतर्संबंध’ विषय पर आयोजित दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विधि विभाग के अध्यक्ष प्रो. चतुर्भुज नाथ तिवारी ने की। इस सत्र में वसंत फुटाने, उमेश चंद्र, सचिन देशपांडे,गोपाल पालीवाल,संजय सराफ एवं श्री राजेंद्र काले ने चर्चा की। ‘कारीगरी आधारित भारतीय समाज एवं अर्थव्यवस्था’ विषयक सत्र की अध्यक्षता संस्कृति विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी ने की। इस सत्र में बसंत भाई, सुनील देशपांडे, आशीष गुप्ता, लोकेंद्र भारती, डॉ. सोहम पण्डया, जी प्रशांत, डॉ. विभा गुप्ता, बलवंत ढगे, शालिनी दुबे ने विचार रखे।
उदघाटन समारोह में विधायक रामदास आंबटकर, विधायक डॉ. पंकज भोयर, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती सरिता गाखरे, जिलाधिकारी विवेक भिमनवार, उमरी ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती नीता उघडे सहित देशभर के प्रतिष्ठित कार्यकर्ता एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे। ‘वर्धा मंथन 2021’ में देशभर के प्रतिष्ठित समाजसेवियों ने प्रतिभागिता की। कई प्रतिभागियों ने ऑनलाइन माध्यम से भी अपनी बात रखी।
कार्यशाला के दूसरे दिन 7 फरवरी 2021 को पूर्वाह्न दस से साढ़े 11 बजे तक चौथे तकनीकी सत्र में डॉ. उल्हास जाजू ‘स्वच्छता एवं स्वास्थ्य’ विषय पर, दोपहर 12 से डेढ़ बजे तक पांचवें तकनीकी सत्र में सुश्री गीता धर्मपाल ‘धर्मपाल की भारतीय दृष्टि’ पर और अपराह्न तीन से चार बजे तक छठवें तकनीकी सत्र में समूह चर्चा कर ‘विश्वविद्यालयों में गांधी अध्ययन की दिशा’ पर विमर्श करेंगे। कार्यशाला का सम्पूर्ति सत्र 7 फरवरी को अपराह्न 4.15 बजे होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद् एवं पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ऑनलाइन आशीर्वचन देंगे। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी (बिहार) के कुलाधिपति तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा ‘मंथन निष्कर्ष’ प्रस्तुत करेंगे। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष श्री राम बहादुर राय समापन वक्तव्य देंगे। सम्पूर्ति सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल करेंगे। इस अवसर पर प्रो. मनोज कुमार ‘वर्धा संकल्प’ पत्र की घोषणा करेंगे। कार्यशाला के संयोजक डॉ. के. बालराजु संचालन करेंगे तथा प्रो. मनोज कुमार आभार व्यक्त करेंगे। प्रो. हरीश अरोरा कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। डॉ. के. बालराजु व डॉ. शिव सिंह बघेल द्वारा संपादित पुस्तक ‘ग्राम विकास के अभिनव प्रयोग’ का लोकार्पण डॉ. मुरली मनोहर जोशी द्वारा किया जाएगा।