मोदी बोले: भारत से अपेक्षाएं भी रखता पूरा विश्व

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण को विश्व में एक नयी आशा जगाने वाला और आत्मनिर्भर भारत की राह दिखाने वाला करार दिया।राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी के इस कालखंड में आज पूरे विश्व की नजर भारत पर है और वह भारत से अपेक्षाएं भी रखता है।उन्होंने कहा, ‘‘पूरा विश्व आज अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, ऐसी चुनौतियों के बीच….। इन चुनौतियों के बीच इस दशक के प्रारंभ में ही राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में जो अपना उद्बोधन दिया, वह अपने आप में इस चुनौती भरे विश्व में एक नई आशा जगाने वाला, नयी उमंग पैदा करने वाला और नया आत्मविश्वास पैदा करने वाला है।’’उन्होंने कहा, ‘‘यह आत्मनिर्भर भारत की राह दिखाने वाला और और इस दशक के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाला है।’’धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेने वक्ताओं का धन्यवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने अभिभाषण का बहिष्कार करने पर विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा।उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा होता, राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते… तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती।’’मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में ताकत इतनी थी कि न सुनने के बावजूद भी विपक्षी सदस्य सदन में ‘‘बहुत कुछ’’ बोल पा रहे थे।उन्होंने कहा, ‘‘यह अपने आप में उनके भाषण की ताकत है, उन विचारों की ताकत है, उन आदर्शों की ताकत है जो न सुनने के बाद भी पहुंच गई।’