वेंडर एक्ट के विपरीत नगर निगम कर रहा है काम: गरीबों के पेट पर मार रहे हैं लात

दिनेश शर्मा,गाजियाबाद। पैठ बाज़ार संघर्ष समिति के संयोजक व सांसद प्रतिनिधि अशोक संत नें नगर निगम द्बारा शहर में वेंडिंग जोनों की घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक जो घोषणाएं नगर निगम द्वारा की जा रही है़ वह वेंडर एक्ट के विपरीत है़। वेंडिंग जोन बनाने की गाईड लाइन वेंडिंग एक्ट 2017 उत्तर प्रदेश व केन्द्र द्बारा बनाए गये वेण्डर एक्ट 2014 में स्पष्ट है़। उनके विपरीत गाजियाबाद नगर निगम में मनमाने ढंग से नगर आयुक्त घोषणाएं कर रहे है़ जो आगे चलकर अगर कोई प्रबुद्ध व्यक्ति कोर्ट में जायेगा तो यह घोषणाएं धराशाई हो जाएंगी। अच्छा होगा वेण्डर एक्ट का अध्धयन कर लिया जाय। कुछ बाजार ऐसे है़ जो 30 सालों से ऊपर से लगते आ रहे है़ वह वेण्डर एक्ट में पेत्रिक बाजार कहलाते हैं। उनकी अनदेखी हो रही हैं उनको भी उजाडऩे का कार्य नगर निगम व पुलिस प्रशासन कर रहा है़ जो असंवैधानिक है़ जिस पर अधिकारीगण चुप्पी साधे बैठे है़। नवयुग मार्केट जैसे अन्य कई बाज़ार है़ जो क्यों हटाए जा रहे है़ कोई अधिकारी बताने को तेयार नहीं क्या यह गरीबों के अधिकारों का हनन नहीं। नवयुग मार्केट के बाज़ार को हटाए 3 वर्ष से ऊपर हो गया जिसके लिए काफी आन्दोलन चला जो अभी तक जारी है़ कुछ ताकतवर लोग जबरन इस बाज़ार को लगने नहीं दे रहे। चार पत्र स्वामी प्रसाद मौर्या केबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्बारा नवयुग मार्केट को लगवाने के लिए ज़िलाधिकारी को दिए परंतु वह भी पत्रो को दबा कर बैठ गये। क्या यह गरीबों के साथ नाइंसाफी नहीं। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री चाहते है़ कि गरीबों को बसाया जाय इसके लिए वेंडरों,ठेली पटरी वालों को केंद्र से प्राथमिकता पर लोन की योजना भी घोषित की गई परंतु स्थानीय अधिकारी व कुछ स्थानीय नेता अपनी मूछों के चक्कर में इस नवयुग मार्केट के बाज़ार को ही नहीं लगने दे रहे। आहिस्ता-आहिस्ता ऐसे ही बड़े साप्ताहिक व डेली बाजारों को खत्म करके बेरोजगारी फैलाने की साजिश की जा रही है़ जो उचित नहीं है़ अगर यह ही हालत रही तो इसके खिलाफ़ बड़ा आन्दोलन खड़ा किया जायेगा।