नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में सारी पार्टिया मुस्लिम वोटों पर नजर गड़ाए हैं। दरअसल यहां 30त्न आबादी मुस्लिम समुदाय की है और चुनाव में खास महत्व रखती है। लेकिन, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी चुपचाप अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। बता दें कि 2011 की जनगणना के दौरान राज्य में जनजातीय आबादी 52 लाख 90 हजार थी, जो कुल आबादी का लगभग 5.8त्न हुआ। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार अनुसूचित जाति की आबादी यहां की कुल 9 करोड़ 13 लाख आबादी का 23.51त्न यानी 2 करोड़ 14 लाख थी। राज्य की कुल जनसंख्या अब 10 करोड़ 19 लाख होने का अनुमान है। सबसे अधिक आदिवासी आबादी दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, दक्षिण दिनाजपुर, पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया जिलों में पाई जाती है। एसटी के लिए 16 आरक्षित सीटें हैं। वहीं राज्य की 294 में से 68 विधानसभा सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। लेकिन उनका प्रभाव आरक्षित सीटों से अधिक है।