परमबीर की खुली चैट हिस्ट्री: मचा बवाल

मुंबई। पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप को सही साबित करने के लिए एक चैट जारी किया है। इस चैट में परमबीर सिंह और सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल की बातचीत है। जिसमें दोनों अनिल देशमुख और वाझे की मुलाकात का जिक्र कर रहे हैं।
परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में लगाए गए अपने आरोपों को सही साबित करने के लिए यह चैट जारी किया है। परमबीर और पाटिल के बीच की ये चैट हाल ही में यानी 16 मार्च से 19 मार्च के बीच की है जिसमें पाटिल द्वारा पिछले महीने की घटनाओं को जिक्र किया गया है, जिससे साबित होता है कि गृहमंत्री और उनके सचिव द्वारा पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से वसूली करने के लिए कहा गया था।
चैट में परमबीर सिंह पाटिल से कह रहे हैं कि जब तुम (पाटिल) गृहमंत्री और पलांडे (गृहमंत्री का सचिव) से फरवरी महीने में मिले थे तब उन्होंने तुम्हें कितने बार और अन्य संस्थानों के बारे में बताया था, और उनसे आने वाला कुल अनुमानित कलेक्शन कितना था।?इसके जवाब में एसीपी पाटिल ने कहा कि उनकी सूचना के मुताबिक मुंबई में कुल 1750 बार और अन्य संस्थान हैं, प्रत्येक से तीन लाख रुपये लिए जाने थे, जिनसे लगभग 50 करोड़ रुपये का कलेक्शन अनुमानित था। पलांडे ने डीसीपी भुजबल के सामने 4 मार्च को यह बताया था।
इस पर परमबीर कहते है कि इससे पहले तुम गृहमंत्री सर से कब मिले थे? एसीपी पाटिल ने कहा, हुक्का ब्रीफिंग से 4 दिन पहले। परमबीर ने पूछा, सचिन वाझे और गृहमंत्री के बीच मीटिंग की तारीख कौन सी थी? इसपर पाटिल ने कहा, सर मुझे फिक्स तारीख याद नहीं है। फिर परमबीर ने कहा, तुमने कहा था कि ये मीटिंग, तुम्हारी मीटिंग से कुछ दिन पहले हुई थी? पाटिल ने कहा, हां सर।
इसके बाद पूर्व कमिश्नर परमबीर पाटिल को दोबारा 19 मार्च को मैसेज करते हैं। तब परमबीर पाटिल से कहते हैं कि मुझे थोड़ी और जानकारी चाहिए। क्या वाझे गृहमंत्री से मिलने के बाद तुमसे मिला था? एसीपी पाटिल ने कहा, हां सर, वाझे गृहमंत्री से मिलने के बाद मुझसे भी मिले थे। परमबीर ने पूछा, क्या उसने(सचिन वाझे) तुम्हें कुछ बताया था कि गृहमंत्री ने उसे क्यों बुलाया था। एसीपी ने कहा, उन्होंने मुझे मीटिंग का उद्देश्य बताया था कि मुंबई में 1750 संस्थान हैं, उन्हें (वाझे को) प्रत्येक संस्थान से 3 लाख रुपये हर महीने कलेक्ट करके उन्हें (गृहमंत्री) देने चाहिए।