सुभास पार्टी ने शहीदी दिवस पर दी भावभीनी श्रद्धांजलि

साहिबाबाद। सुभाष वादी भारतीय समाजवादी पार्टी द्वारा शहीदी दिवस पर पार्टी के जगदीश नगर स्थित कार्यालय में शहीदे आजम भगत सिंह शहीद सुखदेव प्रकाश शहीद राजगुरु को भावभीनी एवं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी प्रवक्ता द्वारा कहा गया कि आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में क्रूर ब्रिटिश हुकूमत द्वारा मानवता को तार-तार करते हुए भारत माता के तीनों लाल को शाम के वक्त ही फांसी की सजा सुनाई गई थी। सुभाष वादी भारतीय समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि भारत माता को अंग्रेजी हुकूमत की बेडिय़ों से आजाद कराने हेतु शहीद ए आजम भगत सिंह के पास विस्तृत कार्य योजना थी जिसके तहत देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के उपरांत समस्त भारतीयों को एकता के एक सूत्र में पिरो कर अखंड भारत के कीर्तिमान को विश्व पटल पर स्थापित करना है। भगत सिंह और उनके साथियों की क्रांतिकारी गर्जना सुनकर अंग्रेजी हुकूमत उस समय थर्रा उठी थी। उन्होंने बताया कि आज भी अमर शहीदों की विचारधारा है उतनी ही प्रासंगिक है जितनी भी उस समय थी । उन्होंने कहा कि हम शहीद-ए-आजम की समाज को एक करने वाली विचारधारा को धरातल पर उतार कर एक मजबूत समाज का निर्माण कर सकते है । पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सत्येंद्र यादव ने इस अवसर पर कहा कि भारत को आजाद कराने वाले नायकों एवं क्रांतिकारियों शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे लोगों के विचारों को अपनाकर तथा समाज में उन्हें प्रचारित एवं प्रसारित करके जब हम एक भारत सुंदर भारत तथा शक्तिशाली भारत का निर्माण कर सकेंगे तो यही हमारी उन अमर शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने समाजवादी भारतीय समाजवादी पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अपने अमर शहीदों क्रांतिकारियों तथा आजादी के दीवाने उन स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों को अपनाकर समस्त भारतवर्ष में उसे फैलाएं क्योंकि पार्टी का मूल तथा आधारभूत उद्देश्य यही है । श्रद्धांजलि सभा में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए पार्टी के बिहार प्रदेश प्रभारी अनिल सिन्हा ने कहा कि हमारे क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों के बीच कभी भी किसी जात-पात, ऊंच-नीच , धर्म संप्रदाय आदि का भेदभाव नहीं रहा और सभी बलिदानी भारत मां को आजाद कराने के उद्देश्य से अपना सर्वोच्च बलिदान सहर्ष और गर्व के साथ करते चले गए और अपने अपने रास्ते पर चलकर भारत माता को परतंत्रता की बेडिय़ों से आजाद करवाना ही सदैव उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य रहा । जबकि कुछ ऐसे लोग जिन्होंने भारत की आजादी के आंदोलन में कभी योगदान नहीं दिया इन लोगों के मध्य दीवार खड़ी करने में प्रयासरत है। ऐसे लोगों से हमें सदैव सावधान रहना चाहिए। श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से एडवोकेट सुरजभान सिंह, मनोज कुमार शर्मा “होदिया”, अभिनंदन तिवारी, सियाराम यादव, राम कुमार शर्मा, राम अवतार यादव, दीपक चित्तौडिय़ा , गोपाल सिंह , राम गणेश सिंह, वीरेंद्र कुमार गुप्ता, राकेश यादव , श्रेयांश श्रीवास्तव , रीषेक, पन्नालाल प्रसाद , एडवोकेट राजीव गौतम, साहिबाबाद विधानसभा प्रभारी सुजीत तिवारी, राधेश्याम शर्मा, विनोद अकेला, उमेश दीक्षित, अनिल मिश्रा, कमल यादव ,नरसिंह राय, कृपाल सिंह, सोनू, पवन, संदीप कुमार, रामगोपाल, रिंकू, जगदीश राय, नसरुद्दीन मलिक, विवेक राणा ,विकास कुमार , सनी , अक्षय, दीपक पाल आदि तथा अनेको गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।