ऐसा भी गांव: जहां नहीं होता होलिका दहन

डेस्क। सागर के देवरी ब्लॉक में एक गांव ऐसा भी है, जहां होली नहीं जलाई जाती है। यह हथकोय गांव एनएच 26 से तीन किमी अंदर बसे गोपालपुरा ग्राम पंचायत के तहत आता है। जहां मां झारखंडन माता का प्रसिद्ध मंदिर है। मां झारखंडन के प्रति ग्रामीणों की आस्था होने से वे यहां होली नहीं जलाते। ग्रामीणों का मानना है कि पहले भी गांव में कभी होली नहीं जलाई गई। एक बार अन्य गांवों की तरह यहां भी होली जलाने का प्रयास किया गया, लेकिन होलिका दहन के पहले ही पूरे गांव में बिना आग लगाए आग लग गई। तब ग्रामीणों ने मां झारखंडन के मंदिर में अनुनय-विनय की। तब कहीं आग बुझी।
माता ने ग्रामीणों को स्वप्न देकर कहा, जब इस गांव में मैं झारखंडन खुद विराजमान हूं, तो होली जलाने की क्या आवश्यकता है। जब तक मैं हूं, तब तक इस गांव में कुछ नहीं होगा। तब से यहां होली जलाने की परंपरा बंद है। गांव के 45 वर्षीय सुखराम ठाकुर, 65 वर्षीय गोपाल ठाकुर, उप सरपंच 40 वर्षीय कोमल ठाकुर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपने गांव में आज तक होली जलते नहीं देखी।