न्यायालय में जाने से ही होता है समस्या से पार: नगर वासियों को मिला अधिकारियों को साधने का रास्ता

दिनेश शर्मा, गाजियाबाद। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के अंतर्गत कौशांबी गाजियाबाद में व्यापक यातायात प्रबंधन हेतु नगर आयुक्त,अपर जिलाधिकारी नगर,पुलिस अधीक्षक यातायात व कई अधिकारियों सहित रूट का जायजा लिया गया। यक्ष प्रश्न यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों को यह समस्या नहीं दिखाई देती जबतक कि नागरिक समस्या से निजात पाने के लिए न्यायालय में गुहार नहीं लगाते जबकि शासन द्वारा अधिकारी वर्ग के वेतन व अन्य सुविधा आदि पर भारी-भरकम खर्च किया जाता है। जनता को ही समस्या दिखाई देती हैं अधिकारी वर्ग को क्यों नहीं। शहर के स्थानीय नागरिकों व वरिष्ठ पत्रकार गणो द्वारा नित्य प्रतिदिन नगर आयुक्त को अपने शहर के भयंकर अतिक्रमण के संबंध में अनगिनत बार सूचित आमने सामने मिल कर व संचार माध्यम से कर चुके हैं लेकिन नगर निगम के कानों पर जूं भी नहीं रेंगती। लगता है नगर निगम कुंभकरणी नींद सोया हुआ है। बस एक काम नगर निगम बखूबी करता है छोटी से छोटी गतिविधि को प्रचार करके प्रसिद्धि लूटना चाहता है। अब देखना यह है पॉश कॉलोनी कौशांबी के नागरिक तो जागरूक थे उन्होंने तो अपनी समस्या से निजात पाने के लिए रास्ता ढूंढ लिया लेकिन शहर में अतिक्रमण के जाल से मुक्ति पाने के लिए अन्य आरडब्लूए क्या करती हैं इसका नागरिकों को इंतजार रहेगा। कौशांबी अपार्टमेंट आरडब्लूए द्वारा याचिका दाखिल की गई जिसमें ट्रैफिक प्रबंधन,पर्यावरण प्रदूषण और नगरपालिका के ठोस कचरे की डंपिंग जैसे कई मुद्दों को उठाया गया है। ट्रैफिक प्रबंधन के क्रम में नगर आयुक्त द्वारा यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी से कौशांबी मेट्रो स्टेशन कौशांबी पार्किंग,कौशांबी चौराहा,आनंद विहार बस अड्डा एंट्री आनंद विहार व कौशांबी पर अव्यवस्थित रूप से खड़े हुए ऑटो रिक्शा बस को व्यवस्थित करने हेतु भ्रमण किया गया। निरीक्षण के दौरान सबसे बड़ी समस्या वाहनों के पार्किंग की सामने आई जिस हेतु नगर आयुक्त व अन्य अधिकारियों द्वारा महाराजपुर व सौर ऊर्जा मार्ग पर पार्किंग व्यवस्था बनाने के लिए योजना बनाते हुए निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक यातायात,पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय,रोडवेज आर एम, आरटीओ,ट्रैफिक इंस्पेक्टर,थानाध्यक्ष कौशांबी उपस्थित रहे। उच्चतम न्यायालय द्वारा कौशांबी,गाजियाबाद रूट के लिए एक व्यापक ट्रैफिक प्रबंधन योजना बनाने के लिए समिति बनाई गई जिसके आदेश के क्रम में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़,एम आर शाह,संजीव खन्ना की बेंच ने 9 सदस्य कमेटी का गठन किया जिसमें संभागीय आयुक्त मेरठ,जिला मजिस्ट्रेट गाजियाबाद,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,वरिष्ठ अधिकारी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण,नगर आयुक्त,यूपीएसआरटीसी अध्यक्ष, नगर आयुक्त पूर्वी दिल्ली नगर निगम, पुलिस आयुक्त नामित वरिष्ठ अधिकारी,एनसीटी परिवहन सचिव दिल्ली सरकार को शामिल किया गया है। कमेटी का नोडल अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट गाजियाबाद को बनाया गया है।