केरल में हर दिन रिकॉर्ड केस : लेकिन हालात बुरे नहीं

नई दिल्ली। बीते कुछ हफ्तों से जहां सारे देश में कोरोना के नए मामले घटते जा रहे हैं, वहीं केरल इससे उलट नए केस का रिकॉर्ड बना रहा है। रविवार को लगातार छठे दिन राज्य में 20 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। राज्य में फिलहाल 1 लाख 67 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज इलाजरत हैं। देशभर में कुल नए मामलों में से 40 फीसदी अकेले केरल से हैं। राज्य में संक्रमण दर 12.3 फीसदी है, जो कि राष्ट्रीय औसत 2.4 फीसदी से करीब 5 गुना से भी ज्यादा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि केरल देश में कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है लेकिन केरल ने इस महामारी से जिस तरह से निपटने की कोशिश की है वह किसी भी राज्य की तुलना में बेहतर है। केरल में कोरोना से मरने वालों की दर 0.5 फीसदी ही है। यह देश के किसी भी बड़े राज्य से बेहतर है, यहां तक कि राष्ट्रीय औसत 1.3 फीसदी से भी कम है। नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स 2020 में भी केरल के स्वास्थ्य सेवाओं को देश में सबसे बेहतर बताया गया था। देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अधिकांश राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो गई थी। मई में तीन से चार हफ्ते ऐसे थे जब मेडिकल ऑक्सीजन तक के लिए मारामारी थी। हालांकि, केरल में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत दर्ज नहीं की गई। बीते बुधवार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यवार ताजा सीरोप्रिवलेंस सर्वे जारी किया था। यह सीरो सर्वे जून के आखिरी हफ्ते और जुलाई के पहले हफ्ते के बीच किया गया था। इसके मुताबिक, केरल में 44.4 फीसदी लोगों में ही सीरोपॉजिटिविटी पाई गई जबकि राष्ट्रीय औसत 67.6 फीसदी था। इससे यह स्पष्ट है कि दूसरी लहर के अंत में जब आईसीएमआर ने यह सर्वे किया तब केरल के कम लोग ही वायरस के संपर्क में आए थे।