लेखा परीक्षा रिपोर्ट में खुलासा: कुंभ में अरबों का खेल

प्रयागराज। वर्ष 2019 में यहां संपन्न हुए कुम्भ मेले ने भले ही देश-दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, लेकिन इस मेले के आयोजन की लेखा परीक्षा में करोड़ों रुपये का अपव्यय सामने आया है जिसकी मुख्य वजह बेहतर योजना का अभाव रहा।
लेखा परीक्षा प्रतिवेदन के मुताबिक, नगर विकास विभाग ने कुम्भ मेला अधिकारी को 2,743.60 करोड़ रुपये स्वीकृत किया था जिसके मुकाबले जुलाई, 2019 तक 2,112 करोड़ रुपये खर्च किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा, विभिन्न विभागों ने भी अपने बजट से कुम्भ मेले से संबंधित कार्यों, सामग्री खरीदने के लिए धन जारी किया था। हालांकि अन्य विभागों द्वारा निर्गत धन की जानकारी मेला अधिकारी ने उपलब्ध नहीं कराई जिससे व्यय की समग्र स्थिति का पता नहीं लगाया जा सका। लेखा परीक्षा के अनुसार कुम्भ मेला के लिए उपकरणों की खरीद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से गृह (पुलिस) विभाग को 65.87 करोड़ रुपये का आबंटन किया, जबकि राज्य आपदा राहत कोष का उपयोग केवल चक्रवात, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन आदि से पीडि़त लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए होता है।रिपोर्ट में वित्तीय स्वीकृति से अधिक या बगैर वित्तीय स्वीकृति के कार्य कराए जाने के मामले भी सामने आए हैं। नगर विकास विभाग ने मेला क्षेत्र में टिन, टेंट, पंडाल, बैरिकेडिंग कार्यों के लिए 105 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी, जबकि मेला अधिकारी ने 143.13 करोड़ रुपये के कार्य कराए। इससे 38.13 करोड़ रुपये की देनदारियों का सृजन हुआ।