मोबाइल कंपनियों की मांग: टावरों पर बने नेशनल गाइड लाइन

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नई दिल्ली। भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर सहित प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने टावरों पर राष्ट्रीय नीति की मांग की है, जिससे उन्हें बढ़ती कॉल ड्राप की समस्या हल करने में मदद मिलेगी। दूरसंचार कंपनियों ने दिल्ली में एक संयुक्त कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर टावर लगाने में आड़े आ रही दिक्कतों को दूर नहीं किया गया तो समस्या और गहराएगी। एकसमान टावर नीति होनी चाहिए, जिसे पूरे देश में लागू किया जा सके।
हालांकि सरकार ने दूरसंचार कंपनियों पर पलटवार करते हुए कहा कि वे इस मसले के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं कर रही हैं। दूरसंचार विभाग के सचिव राकेश गर्ग ने कहा कि कॉल ड्रॉप और टावर नीति के बीच कोई संबंध नहीं है। पहले कोई नीति नहीं थी, लेकिन कॉल ड्रॉप नहीं होती थीं। यह समस्या पिछले सात महीनों में पैदा हुई है। उन्हें वर्तमान नियमों के तहत समाधान ढूंढना होगा। सभी दूरसंचार ऑपरेटरों के साथ बैठक में गर्ग ने उन्हें सेवाएं सुुधारने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि दिखने वाले बदलाव के लिए गंभीरता से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इसके अलावा इष्टतम उपयोग एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और वांछित नतीजों के लिए प्रयास तेज किए जाने की जरूरत है। प्रभावित या बंद टावरों की संख्या इतनी नहीं है कि उसे बार-बार होने वाली कॉल ड्रॉप के लिए तर्कसंगत ठहराया जा सके।
दूरसंचार कंपनियों ने कहा कि विभिन्न वजहों से पूरे देश में 7,000 से 10,000 साइटें बंद हैं। उन्होंने एक ऐसी एकसमान राष्ट्रीय टावर नीति की मांग की, जिसे पूरे देश में लागू किया जा सके। दूरसंचार कंपनियों ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं और बुनियादी सेवाओं को आवश्यक सेवाएं घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी इमारतों पर मोबाइल साइट स्थापित करने की मंजूरी दी जाए।