हिन्दुस्तान में कम हो गये हिन्दू

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नई दिल्ली। रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर ने धर्म के आधार पर जनगणना रिपोर्ट जारी कर दी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते दस साल में कुल आबादी में मुसलमानों की संख्या 0.8 फीसदी बढ़ी है जबकि हिंदुओं की संख्या दशमलव सात फीसदी घटी है।
इसी तरह सिख की आबादी में 0.2 फीसदी की गिरावट आई है जबकि बौद्ध के आबादी में 0.1 फीसदी की गिरावट देखी गई है। हालांकि जैन और ईसाई के आबादी में कोई खास बदलाव नहीं आए हैं। देश में 96 करोड़ तिरसठ लाख हिंदू हैं जबकि मुस्लिमों की संख्या सत्रह करोड़ बाइस लाख है। देश में दो करोड़ अठहतर लाख ईसाई और दो करोड़ आठ लाख सिख हैं। साल 2011 के जनगणना के मुताबिक देश में 96 करोड़ तिरसठ लाख हिंदू हैं जबकि मुस्लिमों की संख्या सत्रह करोड़ बाइस लाख है. देश में दो करोड़ अठहतर लाख ईसाई और दो करोड़ आठ लाख सिख हैं। सबसे अहम बात ये है कि 2001 से 2011 के बीच दस साल में सबसे ज्यादा आबादी में बढ़ोतरी का दर मुसलमान में देखा गया। मुसलमानों की आबादी 24.6 फीसदी बढ़ी जो कि राष्ट्रीय औसत से 6.9 फीसदी ज्यादा है। जबकि दूसरे सभी धार्मिक इकाइयों की आबादी राष्ट्रीय औसत से कम है. 2001 से 2011 के बीच हिंदुओं की आबादी के बढऩे की दर 16.8 रही, ईसाई की आबादी बढऩे की रफ्तार 15.5 रही। इस तरह सिख की आबादी बढऩे की दर 8.4 फीसदी रही. बौद्ध धर्म की आबादी बढऩे की दर 6.1 रही। जैन की आबादी बढऩे की दर सबसे कम 5.4 रही।