सरकार और राजभवन के विवाद से गूंजी विधानसभा

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योगेश श्रीवास्तव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार और राजभवन के बीच चल रहे विवाद का मामला बुधवार को विधानसभा में भी गूंजा। संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने राज्यपाल पर जमकर हमला बोला। जबकि भाजपा ने कहा कि राज्यपाल पर सदन में टिप्पणी उचित नहीं। शून्य काल में उत्तर प्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक 2015 दोनों सदनों से पारित होने के बाद राज्यपाल के यहां रोके जाने पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए संसदीय कार्य मंत्री मो. आजम खां ने कहा कि राज्यपाल ने यह विधेयक रोक कर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया हैै। उन्होंने कहा कि राजभवन को धर्म निरपेक्ष होना चाहिए। खां ने कहा कि यदि राज्यपाल को उस विधेयक को लेकर कोई परेशानी थी तो उस पर नोट लगाकर भेजते। उन्होंने विधेयक रोक कर यह सिद्ध कर दिया है कि राज्यपाल की नगर विकास में कोई दिलचस्पी नहीं है। राज्यपाल ने यह विधेयक रोक कर लोकतंत्र का गला घोटा है। इस पर भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि राज्यपाल को लेकर विधानसभा में कोई बहस या चर्चा नहीं की जा सकती। इसलिए आजम खां ने राज्यपाल पर जो अनर्गल टिप्पणी की है उसे कार्यवाही से निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के प्रकरण को किसी नियम में सदन में नहीं उठाया जा सकता है। यह नियमों के खिलाफ है। इस पर प्रदेश सरकार के मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि सदन नियमों से चलता है। राजभवन मर्यादा का स्थान है। मर्यादा यदि कोई व्यक्ति तोड़ेगा तो उस पर उंगली उठेगी चाहे वह राजभवन में बैठा कोई व्यक्ति ही क्यों न हो। राजभवन में बैठे व्यक्ति को मर्यादा का पालन करना होगा। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि वह यह मानते हैं कि राजभवन पर चर्चा नहीं होनी चाहिए ठीक है किंतु राजभवन ठीक से चलना चाहिए और अग्रेंजों की परपाटी पर नहीं चलनी चाहिए। वह तो इस प्रकरण पर अपनी व्यथा कह रहे थे। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि आजम खां ने अपनी व्यथा कही है। वह इस मामले को देख लेेगे और यदि कोई आपत्तिजनक शब्द है तो उसे हटा देंगे। गौरतलब है कि राजभवन और प्रदेश सरकार के बीच लोकायक्त की नियुक्ति, एमएलसी की नियुक्ति और जौहर विश्वविद्यालय को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। इन मामलों में सरकार की और से कई बार प्रस्ताव भेजा गया लेकिन राज्यपाल ने कोई न कोई आपत्ति लगाकर उसे वापस भेज दिया।

यूपी विधानसभा में पारित हुए 5 अध्यादेश
लखनऊ। विधानसभा में बसपा के विरोध के बीच उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश और भूमि व्यवस्था संशोधन विधेयक 2015 पारित हो गया। इस विधेयक पर संशोधन का प्रस्ताव बसपा के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य, कांगे्रस के प्रदीप माथुर, अनुग्रह नारायण सिंह भाजपा के राधा मोहन दास अग्रवाल सुरेश खन्ना आदि ने रखा। इस विधेयक पर सरकार के जवाब से असन्तुष्ट होकर बसपा के सदस्य वाक आउट कर गए और यह विधेयक पारित हो गया। सदन में एरा विश्वविद्यालय लखनऊ उत्तर प्रदेश 2015, उत्तर प्रदेश इंडियन मेडिसिन संशोधन विधेयक 2015, और भारतीय स्टांप उत्तर प्रदेश संशोधन विधेयक 2015 भी पारित हो गए।