सही समय पर घर नहीं पहुंच रहे 90 फीसदी ड्राइविंग लाईसेंस

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लखनऊ। अगर आपने आज ड्राइविंग लाईसेंस के लिए आवेदन किया है और आप सोच रहे हैं कि अगले सात दिनों के अंदर आपका लाईसेंस आपके हाथ में होगा तो आपकी उ मीदों को जोरदार झटका लगेगा। सात दिन तो छोडिय़े सात महीनों में भी अगर आपका लाईसेंस आपके पास पहुंच जाए तो यह किसी सपने के सच होने से कम नहीं है। वजह है कि न परिवहन विभाग ही अपने काम को सही तरीके से अंजाम दे पा रहा है और न डाक विभाग। परिवहन विभाग के अधिकारी लाईसेंस सही समय पर न पहुंच पाने का ठीकरा डाक विभाग के सिर फोड़ रहे हैं तो डाक विभाग इसके लिए परिवहन विभाग को दोषी ठहरा रहा है। दोनों विभागों की आपसी खीचतान में निर्दोष आवेदक पिस रहे हैं। ड्राइविंग लाईसेंस संबंधी शिकायतों का अ बार लगने के बाद अब परिवहन अधिकारी जागे हैं और जल्द ही इस सिलसिले में वे चीफ पोस्ट मास्टर से इसकी शिकायत कर समाधान कराएंगे।
आरटीओ कार्यालय से हर रोज तकरीबन 150 से 160 तक लर्निंग लाईसेंस व लगभग इतनी ही सं या में परमानेंट लाईसेंस डिस्पैच किए जाते हैं लेकिन इनमें से 90 फीसदी स्थाई व शिक्षार्थी लाईसेंस सही समय पर आवेदकों के पते पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिससे आवेदकों को खासी समस्याएं हो रही हैं। विभागीय अधिकारियों के पास लाईसेंस संबंधी दर्जनों शिकायतें हर रोज आ रही हैं। लेकिन इन शिकायतों का समाधान नहीं हो पा रहा है। काफी दिन तक लाईसेंस न पहुंचने पर आवेदक आरटीओ कार्यालय के चक्कर काटते हैं और अधिकारी उन्हें यह कहकर टहला देते हैं कि विभाग से उनका लाईसेंस भेज दिया गया है अब यह डाक विभाग की जि मेदारी है कि लाईसेंस सही समय पर क्यों नहीं पहुंचा। परिवहन विभाग के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि लाईसेंस सही समय पर न पहुंचे इसमें परिवहन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही डाक विभाग के कर्मियों की आपसी मिलीभगत होती है। कई बार तो डाक विभाग की ओर से आवेदक को लिफाफे में लाईसेंस की जगह कागज रखकर भेज दिया जाता है। जिसके बाद आवेदक मजबूरन डाक विभाग के चक्कर लगाता है और वहीं पर दलालों के चंगुल में फंस जाता है। दलाल उससे पैसे की मांग कर तत्काल ही लाईसेंस मुहैया करा देते है या फिर से सात दिन के अंदर भेजने का वादा कर आवेदक को घर भेज देते हैं। कई बार तो ऐसी भी शिकायतें आईं कि आवेदकों का शिक्षार्थी लाईसेंस छह महीने बीत जाने के बाद भी उनके घर नहीं पहुंचा। मजबूरन उन्हें दूसरी बार अपने लर्निंग लाईसेंस के लिए आवेदन करना पड़ा।
वहीं परिवहन आयुक्त कार्यालय के क पयूटर सेल में तैनात एआरटीओ प्रशासन संजय नाथ झा ने बताया कि लाईसेंस संबंधी आवेदकों की शिकायतें जल्द दूर की जाएंगी। लाईंसेंस सही समय पर न पहुंच पाने के लिए डाक विभाग ही पूरी तरह से जिमेदार है। जल्द ही आरटीओ कार्यालय से डाक विभाग को इस बाबत पत्र भेजा जाएगा। साथ ही इस सिलसिले में सहायक संभागीय प्रशासनिक परिवहन अधिकारी ऋतु सिंह चीफ पोस्ट मास्टर से मिलकर समस्या का समाधान कराएंगी।