बिना नाप तौल के उड़ रहा सरकारी खाद्यान्न

Ration_Shop

सुलतानपुर। जन वितरण प्रणाली योजना में निरीक्षण व निगरानी की जिम्मेदार आंखों का बंद होना गरीबों को उनके आनाज पाने की लालसा से दूर करता दिखाई पड़ रहा है। जहां एक ओर तहसील दिवसों में आनाज न बांटने की शिकायतों का अंबार रातो दिन बढ़ते ही जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर घोटालेबाज अफसर बंद आंखों का लाभ उठाकर घोटाला करने की बड़ी तैयारी में बैठे हैं। समस्याओं के निदान के लिए डीएम के उपाय मातहतों के कारण फलीभूत नही हो पा रहे हैं। गोदामों के बंद हुए क्रास सत्यापन घोटालों की जमीन तैयार करने में यूरिया खाद की भूमिका अदा कर रहे हैं। खाद्य एवं रसद विभाग की विपणन शाखा पर नजर रखने वाली आंखों पर एक विपणन निरीक्षक ने ऐसा चश्मा चढ़ा दिया है कि जिससे हो रहे घपले व घोटाले भी दुरुस्त ही दिखाई पड़ रहे हैं। सुबह 10 बजे से देर शाम तक गोदामों से आनाजों की निकासी खुलेआम बिना नाप तौल के की जा रही है, पर किसी जिम्मेदार को यह दिखाई नही पड़ रहा है। यहां बताना मुनासिब होगा कि ठीक ऐसा ही चश्मा एक साल पहले एक क्षेत्रीय विपणन अधिकारी ने एसडीएम व एडीएम ई की आंखों पर लगाया था और जनपद के तीन गोदामों से करोड़ों के आनाज रातो रात गायब कर भेज दिया गया था। जिसका खुलासा तत्कालीन डीएम के. धनलक्ष्मी के गोदामों के क्रास सत्यापन के आदेश के पालन में तत्कालीन नवागत सदर एसडीएम अमित सिंह ने किया था। कमोबेश आज फिर वही स्थिति जनपद के गोदामों की हो गई है, लेकिन जिम्मेदारों को विपणन निरीक्षक द्वारा लगाया गया जादुई चश्मा से सब कुछ दुरुस्त दिखा रहा है।
क्रास सत्यापन में खुला था करोड़ों का घोटाला
पूर्व जिलाधिकारी के. धनलक्ष्मी ने लगातार मिल रही षिकायतों की वजह से गोदामों का तीन माह के भीतर क्रास सत्यापन करवाने के आदेष जारी किए थे। उक्त डीएम के कार्यकाल के दौरान गोदामों के तीसरी बार हो रहे क्रास सत्यापन में ही करोड़ों के आनाज गोदाम से बेच दिए जाने का मामला खुला था। जिससे पूर्व डीएम ने आरोपी क्षेत्रीय विपणन अधिकारी पर कार्रवाई करते हुए जनपद के तीन थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।