हड़ताल का व्यापक असर: सड़कें सूनीं, दुकानें बंद

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नई दिल्ली। श्रम कानूनों में संशोधन के प्रस्ताव के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों के 15 करोड़ सदस्य आज (बुधवार) हड़ताल पर हैं। रिजर्व बैंक, नबार्ड, सिडबी और पोस्टऑफिस के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल है। इस हड़ताल से 25 सरकारी और 11 प्राइवेट बैकों के काम काज पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट, गैस और बिजली सप्लाई पर पड़ सकता है। ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के चलते आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, भाजपा के समर्थन वाली भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस ने हड़ताल से हट गई हैं। सरकार ने यूनियनों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की है। वहीं देशभर में हड़ताल का व्यापक असर दिख रहा है।
दस यूनियनों का दावा है कि सरकारी और निजी क्षेत्र में उनके सदस्यों की संख्या 15 करोड़ है। इनमें बैंक और बीमा कंपनियां भी शामिल हैं। मंत्रियों के समूह के साथ बैठक का कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। असंगठित क्षेत्र के कई संगठनों ने भी हड़ताल को समर्थन की घोषणा की है। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे नहीं लगता कि हड़ताल से आवश्यक सेवाएं प्रभावित होंगी। मुझे नहीं लगता कि इसका अधिक असर रहेगा। मैं उनसे श्रमिकों व देश हित में हड़ताल वापस लेने की अपील करता हूं।