आईएस पर नजर रखेगी सोशल मीडिया लैब

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लखनऊ। सोशल मीडिया में इस्लामिक स्टेट के प्रति झुकाव पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार ने पश्चिमी उप्र में सोशल मीडिया लैब खोला है। सरकार राजधानी में एक बड़ा व आधुनिक सुविधाओं से युक्त सोशल मीडिया लैब की जल्दी ही स्थापना करेगी। उप्र पुलिस के आइजी कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश ने कहा है कि भ्रामक प्रचार से माहौल बिगाडऩे की कोशिशों की रोकथाम के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया लैब खोला गया है। इसकी जिम्मेदारी डीआइजी मेरठ को दी गयी है। राज्य मुख्यालय पर एक बड़े लैब की स्थापना के लिए एडीजी यातायात अनिल अग्रवाल को जिम्मेदारी दी गयी है। इसके लिए देशभर के कई अच्छे माडल का अध्ययन किया जा रहा है। यह लैब ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में कारगर होगा। उप्र में सोशल मीडिया पर कट्टरता के संदेशों की बाढ़ आयी हुई है। तरह-तरह के संदेश हर रोज लाखों की संख्या में भेजे जा रहें है। इनमें तमाम ऐसे संदेश है तो अज्ञानता में लोग अपने ग्रुप में डाल रहें है जिनसे दो समुदायों में वैमनस्य पैदा हो रहा है। पिछले दिनों खबर आयी थी कि बाटला हाउस मुठभेड़ के बाद सुर्खियों में आए दस लाख रुपए के फरार इनामी आरोपी आजमगढ़ के संजरपुर निवासी बड़ा साजिद को सीरिया में आइएस की ओर से लड़ते हुए मार गिराया गया। साजिद आइएम का महत्वपूर्ण अंग रहा है।
प्रदेश के युवाओं को गुमराह करने के लिए इस्लामिक स्टेट आइएस की मीडिया विंग तमाम हथकंडे अपना रही है। आइएस की ओर से वीडियो क्लिप से लेकर उत्तेजक संदेशों के जरिये अपने अभियान में छात्रों और युवाओं की रुचि पैदा करने की कोशिश की जा रही है। एकाउंट्स पर सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के बाद इनके द्वारा गोपनीय अभियान भी शुरू किए गए हैं। कुछ समय पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय की बुलायी बैठक में डीजीपी जगमोहन यादव और एटीएस के आइजी राम कुमार को आइएस की ऐसी हरकतों से ही आगाह किया गया। खुफिया सूत्रों का मानना है कि टीवी चैनलों में आईएस की गितिविधियों की रिपोर्टस से तमाम युवाओं में आकर्षण बढ़ा है।
राज्य के उन्नाव, गोरखपुर और फतेहपुर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन जिलों में आइएस समर्थकों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा नेपाल सीमा से सटे प्रदेश के सात जिलों महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, खीरी और पीलीभीत जैसे क्षेत्र शामिल है। आजमगढ़, मऊ, इलाहाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, शामली, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर शामिल हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो ने गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद के शैक्षणिक संस्थानों में विदेश से आकर पढऩे वाले युवाओं पर भी नजर रखने की विशेष हिदायत दी है।